रोम: इटली की राजधानी रोम में भारत के नए परिसर के उद्घाटन के अवसर पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि इटली को भारत यूरोप में एक महत्वपूर्ण भागीदार मानता है और दोनों देश समान विचारधारा वाले मित्र भी हैं.
उन्होंने कहा, "हमारा ऐतिहासिक संबंध बहुत गहरा है...यूरोप में इटली के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध रहे हैं...भारत और इटली भारत-मध्य पूर्व यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर IMEC के संस्थापक सदस्य हैं, साथ ही समान विचारधारा वाले मित्र भी हैं..."
संबंधों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता
विदेश मंत्री ने कहा कि कई मायनों में आज हम विभिन्न स्तरों पर जो लगातार बातचीत देखते हैं, वह इटली के साथ हमारे संबंधों की गहराई का संकेत है. यह संबंधों को आगे बढ़ाने में हमारे नेताओं की प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता का रिफलेक्शन भी है. हमारे वैश्विक दृष्टिकोण में अभिसरण है, वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने के हमारे प्रयासों में तालमेल है और निश्चित रूप से हमारे द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने के लिए एक नया उत्साह है.
उन्होंने कहा कि इटली की पीएम मेलोनी ने अपने इंडो-मेडिटेरेनियन दृष्टिकोण में एशिया पर विशेष रूप से भारत पर अधिक ध्यान दिया है...हम इटली को यूरोप में एक महत्वपूर्ण भागीदार मानते हैं...
भारत की राजदूत ने किया स्वागत
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर का इटली के रोम में भारत की राजदूत वाणी राव और विदेश मंत्रालय के अन्य अधिकारियों ने स्वागत किया. जयशंकर 24 से 26 नवंबर तक इटली की आधिकारिक यात्रा पर हैं. इटली में भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "विदेश मंत्री एस जयशंकर का रोम में राजदूत वाणी राव और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने स्वागत किया."
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस यात्रा के दौरान उनके इटली और जी7 से संबंधित अन्य भागीदार देशों के अपने समकक्षों से मिलने और द्विपक्षीय चर्चा करने की भी उम्मीद है. इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री इटली के विदेश मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक अध्ययन संस्थान (ISPI) द्वारा आयोजित एमईडी भूमध्यसागरीय वार्ता के 10वें संस्करण में भी भाग लेंगे.
बता दें कि इससे पहले इस साल 14 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली में ग्रुप ऑफ सेवन (G7) शिखर सम्मेलन के 'आउटरीच सत्र' में भाग लिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन में पहुंचने पर पोप फ्रांसिस से मुलाकात की, जिसके बाद इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने उनका स्वागत किया, क्योंकि भारत ने G7 शिखर सम्मेलन में 'आउटरीच राष्ट्र' के रूप में भाग लिया था.
G7 शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन, यूनाइटेड किंगडम के तत्कालीन प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की. शिखर सम्मेलन 13-15 जून तक इटली के अपुलिया क्षेत्र में बोर्गो एग्नाज़िया रिसॉर्ट में हुआ था. प्रधानमंत्री मोदी ने इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर शिखर सम्मेलन में भाग लिया था.
यह भी पढ़ें- भारत की फटकार के बाद कनाडा के बदले सुर, कहा- पीएम मोदी, जयशंकर और NSA के खिलाफ कोई सबूत नहीं