पटना:गंगा के जलस्तरमें अचानक हुई बढ़ोतरी से गंगा के आसपास के किनारों पर रहने वाले लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण राजधानी पटना के निचले इलाकों और दियारा के इलाकों में बाढ़ आ गई है. पटना से सटे गंगा के दियारा इलाकों के दर्जनों गांव के लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
बाढ़ से त्रस्त हैं लोग:पिछले दो दिनों से गंगा के जलस्तर में कमी देखने को मिल रही है. पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में करीब 12 से 13 इंच पानी की कमी हुई है, लेकिन अभी भी गंगा के जलस्तर राजधानी पटना में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. राजधानी पटना के दीघा घाट और गांधी घाट में आज गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 102 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है.
कौन-कौन जिले हैं प्रभावित: गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से बिहार के 11 जिले के 260 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. बक्सर, आरा, पटना, सारण, वैशाली, बेगूसराय, समस्तीपुर, मुंगेर, भागलपुर, खगड़िया, बाढ़ एवं मोकामा का इलाका बाढ़ की चपेट में है. गंगा से सटे हुए निचले इलाकों में बाढ़ के पानी चले जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
छपरा में बिगड़े हालात:बाढ़ के कारण छपरा में विकट स्थिति बन गई है. लगभग छह से साल साल के बाद शहर के रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है. निचले इलाकों में बाढ़ से हालात खराब हो गए हैं. घर फसल सब पानी में डूब चुका है. उत्तर प्रदेश के बलिया और बिहार के छपरा जिले का जय प्रभा सेतु का सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया है.
भागलपुर में दाने-दाने को मोहताज लोग: बाढ़ के कारण भागलपुरमें स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोग दाने दाने को मोहताज हो गए हैं. जिले के सुल्तानगंज, अकबरनगर, नाथनगर, यूनिवर्सिटी कैंपस, आदमपुर मोहल्ला, मायागंज अस्पताल, घोघा, कहलगांव, पीरपैंती और नवगछिया में काफी तेजी से पानी फैल रहा है. तिलकामांझी यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में भी बाढ़ का पानी घुस गया. 110 छात्राओं को ट्रैक्टर से रेस्क्यू किया गया.
मुंगेर में हजारों लोग प्रभावित:मुंगेर में भी हालात खराब हैं. गंगा नदी अधिकांश स्थानों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.इसके कारण अबत मुंगेर में 20-25 हजार लोग प्रभावित हुए हैं.
पटना हुआ बेहाल:पटनामें गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. शुक्रवार सुबह पटना के मनेर में गंगा का जलस्तर 53.29 मीटर पर पहुंच गया था. वहीं पटना के दीघा घाट में डेंजर लेवल 50.45 मीटर है जबकि गंगा का जलस्तर 51.5 मीटर पहुंच गया था. बाढ़ अनुमंडलीय प्रखंड के बरहपुर, कन्हायपुर, हाथीदह, मरांची, कसहा दियारा समेत कई गांवों में गंगा का पानी गांव में घुस गया है. बाढ़ और गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण पटना जिले के 76 स्कूलों को 26 सितंबर तक बंद करने का आदेश डीएम ने जारी किया है.
ट्रेनों पर भी असर:बिहार में बाढ़ का सीधा असररेल पर देखने को मिल रहा है. रतनपुर-बरियारपुर और जमालपुर-भागलपुर खंड पर गंगा का पानी चढ़ गया है. ऐसे में खतरे को देखते हुए सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. कुछ ट्रेनों के रूट परिवर्तित किये गये हैं और जमालपुर-भागलपुर रूट को बंद कर दिया गया है.
सड़कों पर रहने को मजबूर लोग: राजधानी पटना से सटे इलाकों में गंगा के पानी में बढ़ोतरी से जनजीवन प्रभावित हो रहा है. राजधानी पटना के दानापुर, दीघा, बांध टोला और आसपास के अलावे दियारा के एक दर्जन से ज्यादा पंचायत में बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ है. मनेर, दानापुर, दीघा घाट, नकटा दियारा से लेकर पटना सिटी के इलाकों के लोग बुरी तरीके से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. गंगा से सटे इलाकों के लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. यही कारण है कि यह लोग अपने घर बार को छोड़कर सड़कों पर रहने को मजबूर हो गए हैं.
सरकार उठा रही ठोस कदम: गंगा से सटे दियारा के इलाके बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. नकटा दियारा पंचायत के 9 से 10 हजार लोग अपना गांव छोड़ने पर मजबूर हैं. यह लोग सरकार द्वारा चलाए जा रहे और अस्थाई कैंप में रहने को मजबूर हैं. जिला प्रशासन द्वारा कई जगहों पर राहत शिविर लगाया गया है. 2000 लोगों के लिए खाने-पीने की पूरी व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है. इसके अलावे लगभग 15 पशुओं के रहने के लिए भी कैम्प लगाया गया है , ताकि जानवरों को भी किसी तरह का दिक्कत न हो.
क्या क्या उपलब्ध है राहत शिविर में?:बाढ़ प्रभावित लोगों को किसी तरीके से कोई परेशानी ना हो उसको लेकर जिला प्रशासन के द्वारा अस्थाई रिलीफ कैंप, कम्युनिटी किचन, पशुओं के रहने के लिए कैंप की व्यवस्था, लोगों के स्वास्थ्य के लिए हेल्थ कैंप और पशुओं के लिए वेटरनरी कैंप की व्यवस्था की गई है. पटना के जिलाधिकारी द्वारा दिए गए आंकड़े के अनुसार प्रतिदिन 12 कम्युनिटी किचन में लगभग 9800 आदमियों के खाने की व्यवस्था प्रशासन के द्वारा की जा रही है. 4656 पॉलीथिन शीट बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच वितरण किया गया है. 3500 पैकेट सूखा राशन का भी वितरण बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच किया गया है. 3038 पशुओं को पशु आश्रय स्थल में रखा गया है एवं सरकार के द्वारा उनका चारा उपलब्ध करवाया जा रहा है.