गोपालगंजः लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के मेनिफेस्टो में अग्निपथ योजना को खत्म करने की बात कही थी. लोगों को लगा था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो फिर से पहले की तरह सेना में बहाली होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 4 जून को देश में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनी और कांग्रेस का यह मेनिफेस्टो कागज में ही सिमट कर रह गया.
दो साल पहले आयी योजनाः यह पहली बार नहीं है जब अग्निपथ योजना के खिलाफ आवाज उठी है. 16 जून 2022 को यह योजना लायी गयी थी. उस समय से लगातार विपक्ष आवाज उठाते रहा है. सेना में शामिल होने वाले युवा भी इस योजना के खिलाफ हैं. हालांकि बीते दो साल में इस योजना के तहत सेना में भर्ती हुए. अगले दो साल में वे रिटायर भी कर जाएंगे. विपक्ष सरकार से सेवा की अवधि को बढ़ाने की मांग कर रहा है.
सैनिक तैयार करने में 5 साल का लगता समयः अग्निपथ योजना को लेकर पूर्व सैनिक भी आवाज उठा रहे हैं और सरकार से इसमें संसोधन करने की मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने बिहार के गोपालगंज के पूर्व सैनिकों से बात की. उन्होंने बातचीत में बताया कि यह योजना बिलकुल सही नहीं है. क्योंकि सेना के एक जवान को तैयार होने में कम से कम 5 साल का समय लगता है और यह स्कीम 4 साल में रिटायर कर दे रहा है जो कहीं से ठीक नहीं है.
'अग्निपथ से कोई लाभ नहीं': पूर्व सैनिकों ने अपने जीवन से जुड़ी बातों को साझा करते हुए बताया कि भारतीय सेना हमेशा देश के लिए समर्पित रही है. सेना में अग्निवीर बनाने के लिए सरकार ने जो अग्निपथ योजना लागू की है वह देश हित में नहीं है. अग्निपथ योजना से हमारे सैनिकों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. पूर्व सैनिक संघ के जिलाध्यक्ष अनिल वर्मा ने अग्निवीर योजना सरासर गलत बताया है.
"एक सिपाही को तैयार करने में 5 साल का समय लगता है. 4 साल के अंदर उनकी सेवाएं समाप्त हो जा रही है. टेक्निकल ट्रेनिंग कम से कम 2 साल की होती है. एक सिपाही की नॉर्मल ट्रेनिंग 1 साल की होती है. 3 साल में वह सेना के बारे में क्या जानेगा? 4 साल में उसकी रिटायरमेंट हो जाएगी."-अनिल वर्मा, जिलाध्यक्ष, पूर्व सैनिक संघ
10 साल सेवा अवधि करने की मांगः पूर्व सैनिक उदय सिंह ने बताया कि मोदी जी का निर्णय देश को कमजोर करने वाला है. उन्होंने कहा कि हमें 20 से 25 साल का अनुभव है. जो भी फौजी का लड़का या सिविलियन का लड़का फौजी बनना चाहता है उसके लिए मोदी जी गड्ढा खोद दिए हैं. 4 साल नहीं बल्कि कम से कम 10 साल की सेवा होनी चाहिए. इस दौरान उन्होंने पेंशन को लेकर भी सवाल उठाया.