धार।मध्यप्रदेश की 800 सौ साल पुरानी भोजशाला फिर एक बार चर्चा में है. धार जिले की भोजशाला में मंदिर की तरह पूजा होने को लेकर एक याचिका पिछले दिनों हिंदू फ्रंट ऑफ जस्टिस की ओर से लगाई गई थी. जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई और सुनवाई होने के बाद इंदौर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. जिस पर कोर्ट आने वाले दिनों में अपना फैसला सुना सकता है.
हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने लगाई थी याचिका
पिछले दिनों इंदौर हाईकोर्ट में हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की ओर से एक याचिका लगाई गई थी. जिसमें याचिका के माध्यम से कहा गया था कि धार की भोजशाला का सर्वे भी काशी की ज्ञानवापी मस्जिद की तरह करवाया जाए. याचिकाकर्ता ने इन बातों का जिक्र भी किया था कि वहां पर पूजा होती थी और एक बार फिर हिंदुओं को उसका अधिकार दिया जाए. साथ ही याचिका में मुसलमानों को भोजशाला में नमाज पढ़ने से तुरंत रोकने और हिंदुओं को नियमित पूजा का अधिकार देने की मांग की गई थी.
हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, फैसला सुरक्षित
इस पूरे मामले में इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और सुनवाई होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. वहीं याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट विनय जोशी ने बताया कि ''मामले में जल्द सुनवाई करने के लिए एक एप्लीकेशन लगाई गई थी, पिछले सुनवाई में फरवरी की तारीख मिली थी. मामले में शासन को सभी पक्षों की तरफ से जवाब दे दिया गया था. वहीं अंतिम बहस सोमवार को पूरी हो गई है. इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.''