नई दिल्लीःदिल्ली शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट ने राहत नहीं दी. मंगलवार को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत देने के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. जस्टिस सुधीर कुमार जैन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने जमानत देते हुए ED के सबूत पर गौर नहीं किया. इससे पहले हाईकोर्ट ने 21 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था. ED ने हाईकोर्ट में इस मामले पर लिखित दलीलें दाखिल कर केजरीवाल को मिली जमानत पर रोक लगाने की मांग की थी.
ईडी ने भी रखी अपनी दलीलःईडी ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट का पूरा आदेश ही गलत है. ईडी के मुताबिक ट्रायल कोर्ट ने ईडी की दलीलों और साक्ष्यों पर बिल्कुल भी गौर नहीं किया और न ही कानून के मुताबिक फैसला दिया. ईडी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2023 के बाद के जुटाए गए साक्ष्यों पर ध्यान नहीं किया औऱ फैसला कर दिया. ईडी ने कहा है कि उसने 13 आंगड़िया, गोवा के आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों के बयानों को अनदेखा करते हुए केजरीवाल को जमानत देने का आदेश दिया.
ईडी ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उसे जमानत का विरोध करने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं देकर मनी लाऊंड्रिंग कानून की धारा 45 के एक शर्त का उल्लंघन किया है. बता दें कि आज ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से जमानत के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश के खिलाफ केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई को टाल दिया. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि जमानत पर रोक की मांग पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा जबकि जमानत पर रोक की मांग पर उसी समय आदेश पारित कर दिया जाता है.
जानिए, पिछली सुनवाई में ईडी ने क्या कहा थाःईडी ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट का पूरा आदेश गलत है. ईडी के मुताबिक, ट्रायल कोर्ट ने ईडी की दलीलों और केजरीवाल के खिलाफ 2023 के बाद के जुटाए गए साक्ष्यों पर ध्यान नहीं किया और फैसला सुना दिया. गोवा के आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बयानों को अनदेखा करते हुए केजरीवाल को जमानत देने का आदेश दिया गया.