नई दिल्ली:यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया की अभी भी रिहाई की उम्मीद बरकरार है. दिल्ली हाईकोर्ट में निमिषा प्रिया की मां के वकील रह चुके सुभाष चंद्रन ने कहा कि यमन के राष्ट्रपति के फैसले के बावजूद 'ब्लड मनी' देकर निमिषा की जान बचाने का विकल्प मौजूद है. यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने जेल में बंद निमिषा प्रिया की फांसी को मंजूरी दी थी. निमिषा को यमन में हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी.
निमिषा की मां के वकील सुभाष चंद्रन से ईटीवी भारत संवाददाता ने फोन पर बात की. वकील के मुताबिक, यमन में शरिया का कानून चलता है. इस कानून में ब्लड मनी का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि यमन की सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर 2023 को निमिषा प्रिया को फांसी से बचने का अंतिम अवसर देते हुए कहा था कि वो मृतक के परिजनों को ब्लड मनी देकर समझौता करें. ऐसे में राष्ट्रपति की ओर से मौत की सजा पर मुहर लगाने के बाद भी अगर मृतक के परिवार ब्लड मनी पर राजी हो जाते हैं तो निमिषा की रिहाई संभव है.
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद निमिषा की मां प्रेमा कुमारी 20 अप्रैल को केरल से यमन लिए रवाना हुई थीं. 12 दिसंबर 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट ने निमिषा की मां को एक भारतीय नागरिक के साथ यमन जाने की अनुमति दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रेमा कुमारी अपने स्वयं की जिम्मेदारी पर जाएगी, इसके लिए केंद्र और संबंधित राज्य सरकार जिम्मेदार नहीं होगी. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो प्रेमा कुमारी को यमन जाने के लिए एडवाइजरी में छूट दें.