इंदौर:दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे वित्तीय अपराध, क्रॉस बॉर्डर और टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के लिए अब ऐसे तमाम मामलों की ग्लोबल मॉनिटरिंग की जाएगी. दरअसल इंदौर में आयोजित यूरेशियन समूह की 41वीं (ईएजी) की बैठक में दुनिया के विभिन्न देशों में ऐसे अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए वैश्वविक रणनीति को मंजूरी दी गई है जो अब वैश्विक स्तर पर लागू की जाएगी.
यूरी चिखानचिन की अध्यक्षता में यूरेशियन देशों की 41वीं (ईएजी) बैठक
दरअसल इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में यूरेशियन समूह के निदेशक यूरी चिखानचिन की अध्यक्षता में यूरेशियन देशों की बैठक आयोजित की गई है. पांच दिवसीय 41वीं बैठक के दौरान कई बिंदुओं पर सहमति बनी है. जिनमें प्रमुख रूप से क्रॉस बॉर्डर फाइनेंसिंग और एंटी टेरर फंडिंग की रेगुलर मॉनिटरिंग के लिए रणनीति तैयार हुई है. इसके अलावा विभिन्न देशों के बीच आवश्यकता के अनुसार फाइनेंशियल इंटेलिजेंस की शेयरिंग और प्रभावी कार्रवाई कैसे हो इसको लेकर भी साझा रणनीति तय की गई है. लिहाजा इस तरह के अपराधों की अब सतत मॉनिटरिंग होगी जिसकी रिपोर्ट हर प्लेनेटरी बैठक में सार्वजनिक होगी.
बैठक के निष्कर्ष की जानकारी देते हुए वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने बताया "यूरेशियन देशों के बीच बैठक में प्रमुख रूप से फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) की ग्रोथ के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फाइनेंशियल फ्रॉड रोकने की दिशा में भारत समेत विभिन्न देशों के बीच जो चुनौतियां हैं उनमें मनी लॉन्ड्रिग, टेरर फाइनेंसिंग प्रमुख हैं. उनमें विभिन्न देशों का अनुभव क्या है और आगे चलकर इसके नियंत्रण के क्या तरीके हैं, उन पर विचार-विमर्श के बाद रणनीति तय की गई है."
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कहा, "ऐसे मामलों में वित्तीय कार्यबल किस प्रकार कार्रवाई करें इस पर भी योजना तैयार की गई है. इसके अलावा एशियाई देशों के अलावा विभिन्न अरब देशों को टेरर फाइनेंसिंग और फंडिंग रोकने के लिए किस तरह के और कितने टेक्निकल असिस्टेंट की जरूरत है, इस पर चर्चा की गई. उनके यहां काम करने वाले टेक्नोक्रेट्स मनी लॉन्ड्रिंग की चुनौतियों को लेकर सक्षम हो सकें इसकी आवश्यकता के लिए टेक्निकल सहयोग पर सहमति बनी. इसमें ईरान भी शामिल है."