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कांग्रेस को भय, 'नीतीश कुमार INDIA गठबंधन से हो सकते हैं बाहर'

JDU president Nitish Kumar : कांग्रेस को इस बात का डर सता रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद बिहार में सीएम नीतीश कुमार भी इंडिया गठबंधन से अलग हो सकते हैं. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट... INDIA alliance

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 25, 2024, 5:05 PM IST

नई दिल्ली :इन अटकलों के बीच कि बिहार के मुख्यमंत्री और जेडी-यू अध्यक्ष नीतीश कुमार टीएमसी अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रास्ते पर जा सकते हैं और विपक्षी गठबंधन भारत से अलग हो सकते हैं. कांग्रेस अच्छे की उम्मीद कर रही है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, सबसे पुरानी पार्टी के भीतर चिंताएं थीं कि जेडीयू का अध्यक्ष बनने के बाद नीतीश कुमार का पार्टी पर पूर्ण नियंत्रण हो गया है, इस वजह से वह ममता बनर्जी की तर्ज पर विपक्षी गठबंधन को झटका दे सकते हैं.

वहीं ममता को झटका देने का समय भी महत्वपूर्ण था क्योंकि यह राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पश्चिम बंगाल में प्रवेश से एक दिन पहले अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, चिंता अब बिहार को लेकर है, जहां 30 जनवरी को बिहार के पूर्णिया में राहुल की प्रस्तावित रैली को विपक्षी एकता के प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा था. 30 जनवरी की रैली में राजद, जद-यू और वाम दलों जैसे सभी कांग्रेस सहयोगियों के शामिल होने की उम्मीद थी.

हालांकि, गुरुवार को कांग्रेस पार्टी के भीतर चिंताएं थीं कि नीतीश कुमार भारत गठबंधन से बाहर निकल सकते हैं और पूर्णिया रैली में भाग नहीं ले सकते हैं. इस संबंध में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मुझे आश्चर्य है कि नीतीश कुमार अभी भी हमारे साथ क्यों हैं. पार्टी के भीतर इस बात की चिंता है कि वह ममता बनर्जी की राह पर जा सकते हैं. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने को लेकर पीएम मोदी की उनकी सार्वजनिक प्रशंसा ने पार्टी के भीतर नाराजगी बढ़ा दी है. यदि वह भारत गठबंधन छोड़ने का विकल्प चुनते हैं, तो नीतीश कुमार निश्चित रूप से भाजपा के साथ चुनाव पूर्व समझौता करेंगे.

वहीं बिहार में चिंता को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्य के एआईसीसी प्रभारी मोहन प्रकाश से जमीनी स्तर की स्थिति का नए सिरे से आकलन करने और उन्हें बताने के लिए कहा है. इसी क्रम में एआईसीसी के बिहार प्रभारी सचिव अजय कपूर ने बताया कि मैं राज्य के प्रभारी महासचिव से मिलने जा रहा हूं. उसके बाद ही मैं नीतीश कुमार के मुद्दे पर कुछ कह पाऊंगा. लेकिन मुझे उम्मीद है कि नीतीश कुमार 30 जनवरी की रैली में शामिल होंगे.

इसी तरह बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि यदि सभी सहयोगी दल शामिल होते हैं तो पूर्णिया रैली निश्चित रूप से विपक्षी एकता का संदेश देगी. उन्होंने कहा कि सभी सहयोगियों को निमंत्रण भेज दिया गया है. हम रैली के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार पर संदेह तब पैदा हुआ जब जद-यू प्रमुख ने सार्वजनिक रूप से 24 जनवरी को राज्य के जाने-माने नेता स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को देश का शीर्ष नागरिक पुरस्कार भारत रत्न देने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया और उनकी प्रशंसा की.

हाल ही में, मुख्यमंत्री ने सहयोगी लालू यादव को सुझाव दिया था कि इंडिया गठबंधन के प्रभाव को अधिकतम करने के लिए 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लोकसभा चुनावों के साथ कराया जाना चाहिए, लेकिन राजद प्रमुख ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब नीतीश कुमार भाजपा के साथ थे, तब उन्हें प्रशासन में खुली छूट मिली हुई थी, लेकिन सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के प्रभाव के कारण उन्हें बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से नीतीश एक विकल्प की तलाश में हो सकते हैं. एआईसीसी के पूर्व महासचिव शकील अहमद ने बताया कि मुझे लगता है कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में बने रहेंगे और 30 जनवरी की रैली में शामिल होंगे.

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