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शराब घोटाला मामला: अभी जेल में ही रहेंगे CM केजरीवाल, दिल्ली हाईकोर्ट ने ED की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा - CM Kejriwal will remain in jail

दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने फैसला सुनाए जाने तक केजरीवाल के जमानत के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है.

जेल में ही रहेंगे CM केजरीवाल
जेल में ही रहेंगे CM केजरीवाल (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 21, 2024, 5:27 PM IST

Updated : Jun 21, 2024, 7:32 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के आदेश पर रोक लगाने के ईडी की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस सुधीर कुमार जैन की वेकेशन बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस मामसे में दो-तीन में फैसला आएगा. हाईकोर्ट ने फैसला आने तक केजरीवाल को निचली अदालत के जमानत देने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है.

ईडी की ओर से पेश एएसजी राजू ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत अभियोजक को पर्याप्त मौका दिया जाना चाहिए, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने ईडी को जमानत याचिका विरोध करने का पर्याप्त मौका नहीं दिया. तब केजरीवाल की ओर से पेश वकील विक्रम चौधरी इसका विरोध करते हुए कहा कि ईडी को पूरा मौका दिया गया.

दिल्ली शराब घोटाला मामले में अब तक क्या-क्या हुआ (etv gfx)

एएसजी राजू ने जमानत के आदेश को पढ़ते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने कहा है कि दोनों ओर काफी बड़ी मात्रा में दस्तावेज पेश किए गए हैं, जिसका कोई महत्व नहीं है. लेकिन ट्रायल कोर्ट दस्तावेजों को देखे बिना कैसे कह सकती है कि उनका महत्व है कि नहीं. राजू ने कहा कि गलत तथ्यों और गलत तिथियों के आधार पर फैसला दे दिया गया. फैसले में ईडी की दलीलों को शामिल नहीं किया गया.

राजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा हुआ है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने केवल ये कहा कि केजरीवाल ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दायर सकते हैं.

दिल्ली शराब घोटाला मामले में अब तक क्या-क्या हुआ (etv gfx)

राजू ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने ईडी पर पूर्वाग्रह से केजरीवाल के खिलाफ काम करने का जो आरोप लगाया है वो बिना तथ्यों के हैं. हाईकोर्ट के आदेशों पर गौर करने के बाद केजरीवाल के पक्ष में फैसला नहीं किया जा सकता है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ईडी की ओर से कोई पूर्वाग्रह नहीं है. राजू ने कहा कि गवाहों को माफ करना और उन्हें सरकारी गवाह बनने की अनुमति देना जांच एजेंसी का काम नहीं है, बल्कि वो न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है.

राजू ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को पढ़ा जिसमें कहा गया था कि ईडी केजरीवाल के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं दे सकी. ट्रायल कोर्ट अपने आदेश में ये गलत तथ्य दिया है. ईडी ने अपने जवाब में राघव मगुंटा के बयान का जिक्र किया है जिसमें केजरीवाल की ओर से सौ करोड़ रुपये मांगने की बात कही गई है. राजू ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जमानत देना कोर्ट का विशेषाधिकार नहीं है. बल्कि धारा 45 के तहत अगर आरोपी निर्दोष है तभी जमानत दी जा सकती है.

दिल्ली शराब घोटाला मामले में अब तक क्या-क्या हुआ (etv gfx)

राजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत के आदेश में कहा था कि केजरीवाल अपने दफ्तर औऱ दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे. वे फाइल पर दस्तखत नहीं करेंगे. इसका मतलब ये नहीं था सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दे दिया. राजू ने कहा कि ट्रायल कोर्ट का ये भी कहना है कि ईडी ये बताने में नाकाम रही कि गोवा चुनाव में अपराध के पैसे का किस तरह इस्तेमाल किया गया. राजू ने कहा कि चनप्रीत सिंह ने पैसे लिए जिसका सबूत दिया गया है. लेकिन ट्रायल कोर्ट ने इसकी अनदेखी की. राजू ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपराध किया है जो केजरीवाल की सहमति से हुआ है. ऐसे में केजरीवाल को भी दोषी माना जाना चाहिए.

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लेकिन ट्रायल कोर्ट ने इसकी अनदेखी की. राजू ने कहा कि विनोद चौहान अरविंद केजरीवाल का निजी संबंध था. विनोद चौहान ने सागर पटेल को 25 करोड़ रुपये गोवा में देने के लिए दिए. राजू ने करंसी नोट का जिक्र किया जो बिना पैन कार्ड या दूसरे दस्तावेज के दिए गए. केजरीवाल गोवा के ग्रैंड हयात जैसे सेवन स्टार होटल में रुके. उसका खर्चा आंशिक तौर पर दिल्ली सरकार ने दिया और बाकी पैसे चनप्रीत सिंह ने दिया. इन सबके साक्ष्य दिए गए. उसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने कहा कि ईडी के पास कोई साक्ष्य नहीं है.

केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के जज पर आरोप लगाना सही नहीं है. ट्रायल कोर्ट ईडी के हर दलील का हर लाईन और हर पूर्णविराध नहीं लिखेगा. ये तरीका सही नहीं है. सिंघवी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट में राजू ने सवा चार घंटे दलीलें रखी जबकि विक्रम चौधरी ने सवा घंटे दलीलें रखी. फिर भी वो कह रहे हैं कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला.

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सिंघवी ने कहा कि राजू की ये दलील सही नहीं है कि हाईकोर्ट ने कहा इसलिए जमानत नहीं मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना दृष्टिकोण रखा है. जबकि ट्रायल कोर्ट ने जमानत पर अपना फैसला सुनाया है. सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट ने भी कहा कि वो जमानत याचिका की सुनवाई नहीं कर रही है. ऐसे में ईडी उस आदेश का उदाहरण कैसे दे सकती है.

सिंघवी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई के अपने आदेश में खुद कहा कि केजरीवाल ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर सकते हैं. ट्रायल कोर्ट उस पर कानून के मुताबिक फैसला कर सकती है. अगर ईडी हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र कर रही है तो सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट जाने की छूट कैसे दे सकती है.

सिंघवी ने कहा ईडी ने ट्रायल कोर्ट के फैसले पर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. ट्रायल कोर्ट जमानत याचिका पर मिनी ट्रायल नहीं कर सकती है. सिंघवी ने कहा जमानत देना और जमानत निरस्त करना दो अलग-अलग चीजें हैं. अगर कोर्ट ये समझे कि आरोपी का पहले से आपराधिक चरित्र है, या वो भाग जाएगा या कोई और आशंका है तभी जमानत नहीं देगी. ऐसे में ईडी केवल भ्रामक तर्क दे रही है. ईडी का कहना कि उसकी दलील पर गौर नहीं किया गया ये सही नहीं है.

सिंघवी ने कहा कि ईडी ने ट्रायल कोर्ट में ये कहीं नहीं कहा कि केजरीवाल गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं या साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. अगर ईडी ने ऐसी कोई दलील नहीं दी है तो अब विरोध क्यों कर रहे हैं. केजरीवाल को जब 21 दिनों की जमानत मिली तो उन्होंने जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया. सिंघवी ने कहा कि ईडी के मुताबिक संविधान की धारा 21 का कोई स्थान नहीं है. वे कानून की अपनी व्याख्या कर रहे हैं.

सिंघवी ने कहा कि कोर्ट जमानत पर रोक नहीं लगा सकती है. कोर्ट को अगर लगे कि असाधारण परिस्थिति पैदा हुई है तो वो दोबारा जेल भेज सकती है. सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को न तो सीबीआई ने आरोपी बनाया और न ही ईडी की ईसीआईआर में नाम उनका है. सिंघवी ने कहा कि इस मामले की जांच 2022 में शुरु हुई जिसमें केजरीवाल का नाम नहीं है. शरतचंद्र रेड्डी के नौ बयान दर्ज हुए. जिसमें केजरीवाल को आरोपी नहीं बताया.

राजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई अंतरिम जमानत खत्म होने के बाद उसे बढ़ाया नहीं गया. अंतरिम जमानत चुनाव प्रचार के लिए था. राजू ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने ये कहीं नहीं कहा कि केजरीवाल धारा 45 के तहत निर्दोष हैं. ऐसे में ट्रायल कोर्ट को जमानत देने का क्षेत्राधिकार नहीं है. बता दें कि 20 जून को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को नियमित जमानत दी थी. केजरीवाल की जमानत का जब फैसला सुनाया जा रहा था तो ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कोर्ट से बेल बांड भरने के लिए 48 घंटे का वक्त देने की मांग की थी, ताकि वे इस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे सकें.

बता दें कि 21 मार्च को हाईकोर्ट की ओर से केजरीवाल को कोई अंतरिम राहत नहीं मिलने पर शाम को ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को 1 जून तक की अंतरिम जमानत देते हुए 2 जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था. केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर किया था.

Last Updated : Jun 21, 2024, 7:32 PM IST

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