नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान और मतगणना के बाद अब सरकार बनाने की कवायद जारी है. इस बीच कौन भाजपा विधायक मुख्यमंत्री बनेगा, यह बड़ा सवाल बना हुआ है. इसके अलावा भाजपा का नया मुख्यमंत्री पदभार संभालने के बाद किस सरकारी आवास में रहेगा? इस पर भी सभी नज़रें टिकी हुई है. इससे पहले जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सिविल लाइंस के फ्लैग स्टाफ रोड स्थित जिस सरकारी आवास में रहते थे, उसमें हुए सौंदर्यीकरण का कार्य जांच के घेरे में है.
दरअसल, भाजपा ने इस सरकारी आवास को शीशमहल का नाम देते हुए इसमें हुए सौंदरीकरण में करोड़ों रुपए के खर्च के मुद्दे को विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान जोर-जोर से उठाया था. अगर आम आदमी पार्टी सरकार में हुए दो बड़े घोटाले की बात करें तो पहले नंबर पर शराब घोटाला और दूसरे नंबर पर शीशमहल के निर्माण में हुए घोटाला है, जो काफी चर्चा में रहा. अब भाजपा सत्ता में आई है तो मुख्यमंत्री के पदभार ग्रहण करने व नाम तय होने से पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने स्पष्ट किया है कि भाजपा का कोई भी मुख्यमंत्री इस शीशमहल में नहीं रहेगा. शीशमहल में हुए अवैध निर्माण को लेकर भाजपा सरकार उचित कार्रवाई करेगी.
![केजरीवाल ने अपने आधिकारिक आवास को जनता के पैसे से एक भव्य 'शीशमहल' में तब्दील कर दिया, जो पूरी तरह से अनैतिक था: विजेंद्र गुप्ता](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12-02-2025/del-ndl-01-bjp-cm-not-living-sheeshmahal-vis-7201354_12022025153756_1202f_1739354876_1074.jpg)
शीशमहल को तोड़ने के लिए LG को लिखा पत्र: भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने सरकारी आवास में सौंदर्यीकरण के नाम पर जो निर्माण हुए उसे अवैध बताते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना से उसे पूर्व स्थिति में बहाल करने की मांग की. अगर भाजपा विधायक की यह मांग मान ली जाती है तो शीशमहल का टूटना तय हो सकता है. रोहिणी से नवनिर्वाचित बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने एलजी को पत्र लिखकर पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के पुराने आधिकारिक आवास 6, फ्लैग स्टाफ रोड में किए गए अवैध निर्माणों और नियमों के घोर उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए आग्रह किया कि इस आवास को उसके मूल स्वरूप में बहाल किया जाए. उन्होंने ये भी कहा है कि इससे सटे हुए सरकारी संपत्तियों पर अवैध अतिक्रमण को तत्काल समाप्त कर उसे भी पूर्व स्थिति को बहाल किया जाए.
निर्माण में जमीन के आवंटन पर भी विवाद: भाजपा विधायक के अनुसार, केजरीवाल ने वर्ष 2020 में अपने आधिकारिक आवास को जनता के पैसे से एक भव्य 'शीशमहल' में तब्दील कर दिया, जो पूरी तरह से अवैध और अनैतिक था. यह निर्माण बिना किसी अनुमति और निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किए बिना किया गया था. इस आवास का क्षेत्रफल 10,000 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 50,000 वर्ग मीटर तक कर दिया गया था और इसमें आसपास की सरकारी संपत्तियों को भी शामिल कर लिया गया था. फ्लैट नंबर 45 और 47, राजपुर रोड स्थित आठ टाइप-V फ्लैट और 8A व 8B फ्लैग स्टाफ रोड के सरकारी बंगले को मुख्यमंत्री आवासीय परिसर में अवैध रूप से जोड़ लिया था.
इस तरह हुआ सरकारी नियमों का उल्लंघन: सरकारी आवास में हुए इस अतिक्रमण को तुरंत हटाने की मांग करते हुए भाजपा विधायक का आरोप हैं कि 6, फ्लैग स्टाफ रोड को उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जाए और 8A व 8B फ्लैग स्टाफ रोड के सरकारी बंगले अलग किए जाएं. यह न केवल सरकारी नियमों का उल्लंघन है, बल्कि जनता के पैसों की खुली लूट भी है. विजेंद्र गुप्ता ने इस पूरे मामले को एक गंभीर भ्रष्टाचार का मामला बताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के खजाने से करोड़ों रुपए खर्च कर ये आलीशान 'शीशमहल' तैयार किया गया, जबकि दिल्ली की जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही थी. उन्होंने कहा कि केजरीवाल की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है.
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