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भारत पहुंचे नवनियुक्त चीनी राजदूत जू फेइहोंग, बोले- चीन-भारत संबंधों के लिए मिलकर करेंगे कड़ी मेहनत - Chinese Ambassador in India - CHINESE AMBASSADOR IN INDIA

भारत में नवनियुक्त चीनी राजदूत जू फीहोंग पदभार ग्रहण करने के लिए शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल प्रभाग के अधिकारियों, राजनयिक कोर के डीन, भारत में इरिट्रिया के राजदूत और चीनी दूतावास के अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर जू और उनकी पत्नी का स्वागत किया. पढ़ें ईटीवी भारत की संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

Xu Feihong appointed Chinese ambassador
वनियुक्त चीनी राजदूत जू फेइहोंग (साभार- X/@xu feihong)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 10, 2024, 7:26 PM IST

Updated : May 10, 2024, 7:58 PM IST

नई दिल्ली:भारत में चीनी दूतावास के अनुसार, भारत में नवनियुक्त चीनी राजदूत जू फीहोंग पदभार ग्रहण करने के लिए शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे. भारत में 17वें चीनी राजदूत जू ने पहले कहा था कि उनकी प्राथमिकताएं दोनों लोगों के बीच समझ और दोस्ती को गहरा करना, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार करना और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारना और आगे बढ़ाना है.

दूतावास के अनुसार, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल डिवीजन के अधिकारियों, राजनयिक कोर के डीन, भारत में इरिट्रिया के राजदूत और चीनी दूतावास के अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर जू और उनकी पत्नी का स्वागत किया. भारत में अंतिम चीनी राजदूत सन वेइदोंग थे, जो दिल्ली में तीन साल की सेवा के बाद अक्टूबर 2022 में चले गए. वापसी के बाद उन्होंने चीन के उप विदेश मंत्री का पदभार संभाला.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में जू ने कहा कि 'आज सुबह दिल्ली पहुंचे. विदेश मंत्रालय के अधिकारी, भारत में इरीट्रिया के डिप्लोमैटिक कोर के डीन राजदूत एलेम त्सेहाये वोल्डेमारियम और दूतावास के मेरे सहयोगियों की ओर से हार्दिक बधाई के लिए धन्यवाद. चीन-भारत संबंधों के लिए सभी के साथ मिलकर कड़ी मेहनत करने को तत्पर हूं.'

भारत-चीन संबंध जटिल और बहुआयामी बने हुए हैं, जिनमें सहयोग, प्रतिस्पर्धा और कभी-कभार तनाव का मिश्रण रहता है. अप्रैल 2020 से सैन्य और राजनयिक स्तर सहित कई दौर की बातचीत के बावजूद, भारत और चीन के बीच सीमा स्थिति अनसुलझी बनी हुई है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव बरकरार है, कभी-कभी गतिरोध और सेना की तैनाती की घटनाएं होती हैं.

दोनों देश अपने मतभेदों को प्रबंधित करने और सहयोग के क्षेत्रों का पता लगाने के लिए कूटनीतिक रूप से संलग्न रहना जारी रखेंगे. द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए शीर्ष नेतृत्व के बीच बैठकों सहित उच्च-स्तरीय यात्राएं हुई हैं. भारत और चीन के बीच आर्थिक संबंध महत्वपूर्ण हैं, चीन भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है.

हालांकि, व्यापार असंतुलन, चीन में भारतीय व्यवसायों के लिए बाज़ार पहुंच के मुद्दों और विनिर्माण और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक परिदृश्य, जिसमें चीन की बढ़ती मुखरता और समान विचारधारा वाले देशों के साथ भारत की बढ़ती रणनीतिक साझेदारी शामिल है, द्विपक्षीय संबंधों को आकार देता है. दोनों देश क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों पर प्रमुख खिलाड़ी हैं और जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद-निरोध और आर्थिक विकास जैसे क्षेत्रों में उनके परस्पर हित है.

Last Updated : May 10, 2024, 7:58 PM IST

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