छिन्दवाड़ा: मध्य प्रदेश में एक दरबार ऐसा है जिसके बारे में मान्यता है कि यहां लगाई हुई कोई अर्जी खाली नहीं जाती. सभी मांगे पूरी हो जाती हैं. हम किसी सरकारी दफ्तर या किसी मंत्री, विधायक के कार्यालय के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्थित हनुमान केसरी मंदिर की, जिनको अर्जी वाले हनुमान जी भी कहा जाता है.
- संत की तरह नियम कायदों का पालन करती है 'लक्ष्मी', वृंदावन बाग मठ-मंदिर की जानें गज परंपरा
- कई जन्मों से कुंवारे लड़कों के लिए मिल गया उपाए, यहां सेहरा चढ़ाते ही चढ़ जाते हैं घोड़ी
मान्यता है कि यहां हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी खुद जनसुनवाई करते हैं और सबकी मुरादें पूरी करते हैं. उनके न्याय के इतने चर्चे हैं कि जो लोग यहां पहुंच नहीं पाते वे डाक से अपनी अर्जी भेजते हैं, जिसे मंदिर प्रशासन हनुमान जी के चरणों में अर्पित करता है.
हनुमान जी के चरणों भक्त अर्पित करते हैं अर्जी
छिंदवाड़ा के तिलक मार्केट में केसरी नंदन हनुमान मंदिर स्थित है. यहां हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में विराजित हैं. मान्यता है कि यहां पर कई सालों से मंगलवार के दिन जनसुनवाई होती है. दूर-दूर से लोग यहां आते हैं. मंदिर प्रशासन द्वारा हनुमान जी के नाम से बनवाए गए लेटर पैड पर अपनी अर्जी लिखकर उस पर सिंदूर से जय श्री राम लिखकर हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर देते हैं. अर्जी सिर्फ भगवान और भक्त के बीच ही रहती है. इस अर्जी को खोलने की अनुमति किसी को नहीं है.
मान्यता है कि चाहे किसी तरह की परेशानी हो सभी का समाधान हो जाता है. भगवान सबकी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. भक्त अर्जी लिखते हुए उसमें निदान की तारीख भी लिख देते हैं. लोग बताते हैं कि तयशुदा वक्त में ही उनकी अर्जी का समाधान हो जाता है. मनोकामना पूरी हो जाने पर लोग यहां दोबारा आते हैं और नारियल की माला चढ़ाते हैं.