50 दिन की उम्र में बच्ची के पास 36 डाक्यूमेंट्स, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में नाम दर्ज
Chhindwara Baby Girl World Records: सिर्फ 50 दिन की उम्र में सबसे अधिक 36 डॉक्यूमेंट बनवाकर छिंदवाड़ा की बेटी ने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है. इसके लिए कलेक्टर मनोज पुष्प ने परिजनों को कलेक्टर कार्यालय में सम्मानित किया.
छिंदवाड़ा। बेटियां अब सभी तरह की गतिविधियों में न सिर्फ हिस्सा ले रही हैं, बल्कि शिक्षा, राजनीति, मीडिया, लोक सेवा, कला, संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में आगे हैं. छिंदवाड़ा जिले के प्रिया-मनीष बन्देवार की पुत्री कुमारी समृद्धि बन्देवार का 26 सितंबर 2023 को जन्म हुआ. लेकिन महज 50 दिन की उम्र में सबसे ज्यादा शासकीय व सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से संबंधित जीवन उपयोगी दस्तावेजों को बनवाकर उसका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन की संस्था में दर्ज हुआ है. कलेक्टर ने परिजनों को प्रमाण-पत्र दिया.
उम्र 50 दिन और वर्ल्ड बुक में रिकार्ड
यह रिकॉर्ड दर्ज होने से कुमारी समृद्धि बन्देवार अब सर्वाधिक 36 दस्तावेजों की धारक के साथ विश्व की सबसे कम उम्र की बेटी बन गई हैं. अब समृद्धि चार महीने की हो गई हैं. कलेक्टर मनोज पुष्प ने कलेक्टर कक्ष में प्रिया-मनीष बन्देवार द्वारा अपनी पुत्री कुमारी समृद्धि बन्देवार के लिये किये गये इस अद्भुत, सराहनीय व प्रशंसनीय कार्य के लिये बधाई व शुभकामनायें देते हुये उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया. साथ ही कुमारी समृद्धि बन्देवार के उज्जवल भविष्य की कामना की. Chhindwara Baby Girl 36 Documents
छिंदवाड़ा की बेटी के पास हैं 36 सरकारी डॉक्यूमेंट
जरूरत से पहले ही तैयार करें डॉक्यूमेंट
समृद्धि के पिता मनीष ने बताया कि ''निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के मिलाकर कुल 36 दस्तावेज अब हमारे पास हैं. सूबेदार नरेन्द्र सिंह बेस मेमोरियल फाउंडेशन के चेयरमैन एवं मध्यप्रदेश पुलिस में डीएसपी के पद पर कार्यरत प्रदीप वाल्मीकि द्वारा वर्ल्ड बुक ऑफ द रिकॉर्ड यूके लंदन को की गई विशेष अनुशंसा के आधार पर हमारी मेहनत रंग लाई और हमने वर्ल्ड बुक ऑफ द रिकॉर्ड अचीव किया.'' उन्होंने कहा कि ''इन जीवन उपयोगी दस्तावेजों को बनवाकर हमने शासन की योजनाओं के माध्यम से बेटियों के मान-सम्मान को समाज में बढ़ाया और सशक्त बनाया है, जो अन्य लोगों के लिये प्रेरणादायी भी हो सकता है.'' मनीष ने बेटियों के माताओं-पिताओ से अपील की है कि वे बेटियों के सशक्तिकरण, सम्मान और भविष्य के लिये बेटियों से संबंधित सभी शासकीय दस्तावेजों को बनवाकर उनके उज्जवल भविष्य की दिशा में काम करें.
इससे पहले भी सबसे कम उम्र में डॉक्यूमेंट बनवाने का रिकॉर्ड छिंदवाड़ा की शरण्या सूर्यवंशी के नाम था. शरण्या सूर्यवंशी के 72 दिन की उम्र में 31 डॉक्यूमेंट बनवाए गए थे. इन दस्तावेजों में पासपोर्ट, समग्र आईडी, आधार कार्ड, टीकाकरण कार्ड, लाडली लक्ष्मी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, नेशनल हेल्थ कार्ड, सुकन्या समृद्धि खाता, महिला सम्मान बचत पत्र, राष्ट्रीय बचत पत्र, किसान विकास पत्र, पोस्ट ऑफिस बचत खाता, पीएनबी एटीएम, लोक भविष्य निधि खाता जैसे कुल 31 दस्तावेज थे.