सागर: सेंट्रल यूनिवर्सिटी डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता को 'महिला शांति शिक्षा में नेतृत्व' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एजुकेटर्स फॉर वर्ल्ड पीस (IAEWP) द्वारा कुलपति को सम्मानित किया गया है. ये संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ से संबद्ध है.
प्रो.नीलिमा गुप्ता का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शोधकर्ता और देश के शिक्षा जगत में प्रतिष्ठित महिला नेतृत्वकर्ता के रूप में मशहूर है. उन्होंने 4 सरकारी यूनिवर्सिटी का बतौर कुलपति नेतृत्व किया है. एनसीसी द्वारा मध्य प्रदेश की पहली महिला कर्नल कमांडेट पद से विभूषित किया गया है. उन्हें अलग-अलग प्रकार के राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 80 से ज्यादा पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं.
शांति शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है आईएइडब्ल्यूपी
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एजुकेटर्स फॉर वर्ल्ड पीस की स्थापना 1969 में की गई थी. जिसका उद्देश्य पृथ्वी पर शांति शिक्षा को प्रोत्साहित करना है. ये संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ से संबद्ध है. वर्ष 1969 में स्थापित एसोसिएशन की पहली बैठक 1970 में नार्वे में हुई थी. संस्था के उद्देश्य और लोकप्रियता को देखते हुए महज 4 साल में संयुक्त राष्ट्र संघ ने संबंद्धता प्रदान कर दी, तब से ये संस्था शांति शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सक्रिय है और काम कर रही है. ये संस्था यूनीसेफ और यूनेस्को से भी संबद्ध है. दुनिया भर में इसकी 150 शाखाएं कार्यरत हैं.
दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में मिला सम्मान
सागर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता भारत के शिक्षा जगत में जाना पहचाना नाम है. बीडब्ल्यू एजुकेशन संस्था ने शिक्षा जगत में देश की 50 प्रभावशाली महिलाओं के रूप में उनका नाम शामिल किया है. प्रो. नीलिमा गुप्ता को 80 से ज्यादा राजकीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. जिनमें से 14 महिला पुरस्कार शामिल हैं.
प्रो. नीलिमा गुप्ता को यूएनओ के पूर्व महासचिव कुमारेश मिश्रा, पूर्व यूएन एडवाइजर डॉ. मार्केण्डेय राय और यूनाइटेड नेशन्स एफीलिएटेड इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड पीस के अध्यक्ष डॉ. प्रियारंजन त्रिवेदी ने पुरस्कार प्रदान किया.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रिसर्चर के तौर पर पहचान
कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता को एनिमल टैक्सोनॉमी के क्षेत्र में प्रतिष्ठित ई.के. जानकी अम्मल राष्ट्रीय पुरस्कार, सरस्वती सम्मान, विज्ञान रत्न-राजकीय पुरस्कार मिले हैं. वे यूजीसी, डीएसटी, एआईयू, नैक, सीएसटी, यूपी-सीएआर, नीपा, सीईसी जैसे राष्ट्रीय स्तर की अकादमिक संस्थाओं की समितियों में चेयरमैन और सदस्य जैसे पदों पर नियुक्त हो चुकी हैं. अमेरिका, यूके, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, जापान, हांगकांग, ताइवान, चीन, सिंगापुर,थाइलैंड, फ्रांस, मिश्र, भूटान और श्रीलंका जैसे देशों का भ्रमण कर चुकी हैं.
उनकी पहचान एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रिसर्चर की है. जिन्हें स्टैन्फोर्ड यूनिवर्सटी ने विश्व के 2 प्रतिशत सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों में शामिल किया है. 12 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं की मुख्य अन्वेषक, गंगा प्रदूषण और जलीय जीवों वर्गीकरण पर उन्होंने सराहनीय कार्य किया है. पर्यावरण संरक्षण, भारतीय ज्ञान परंपरा, महिला सशक्तिकरण जैसे पहलुओं पर उनका योगदान पर्यावरण और समाज के प्रति लगाव को दर्शाता है.
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'शांति शिक्षा के कोर्स करेंगी शुरू'
पुरस्कार हासिल होने के बाद कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने कहा कि "महिलाओं में शांति शिक्षा नेतृत्व को बढ़ाने के लिए कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा, नेतृत्व क्षमता वाली महिलाओं को चिन्हित कर बेहतर नेतृत्व का प्रशिक्षण देकर, लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय को प्रोत्साहित कर महिला शांति शिक्षा नेतृत्व को बढ़ाया जा सकता है. उन्होंनें आश्वस्त किया कि कि वे सागर यूनिवर्सिटी में शांति शिक्षा के कोर्स शुरू कर युवाओं को शांति शिक्षा के लिए प्रेरित करेंगी. जिससे भविष्य की युवा पीढ़ी शांति शिक्षा के आधार पर विश्व में शांति का प्रचार कर प्रसन्न समाज बनाने में सफल हो सके."