देहरादून (उत्तराखंड):उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को शुरू हुए अभी मात्र 4 दिन का वक्त हुआ है, लेकिन इन चार दिनों में ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण परेशानियों से जूझते देखा गया. शासन-प्रशासन को शायद यह उम्मीद नहीं थी कि इतनी अधिक भीड़ आ जाएगी. लेकिन अब आलम यह है कि यमुनोत्री में हालात बुरे हैं. इसके साथ ही केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के भी हालत कुछ सही नहीं हैं. भीड़ अधिक होने की वजह से श्रद्धालुओं को घंटों दर्शन के लिए कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है. वहीं कई जगहों पर यात्रा शुरू होते ही श्रद्धालुओं को सड़कों पर जाम से जूझना पड़ रहा है.
भारी भीड़ से व्यवस्थाएं हुई धड़ाम:चारधाम यात्रा को चार दिनों में 5 मौतें हो चुकी हैं. ऋषिकेश और हरिद्वार से भेजे गए श्रद्धालुओं की व्यवस्था चारों धामों में धराशायी होती दिखाई दे रही है. 10 तारीख को यमुनोत्री धाम की जो तस्वीर सामने आई, उसने सभी को हैरान कर दिया. यमुनोत्री धाम में श्रद्धालु जाम में फंसे दिखाई दिए. वहीं भीड़ भाड़ के बीच सबसे पहले मौत की खबर भी यमुनोत्री धाम से आई. यमुनोत्री धाम में एक के बाद एक तीन मौत ने सभी को हैरान कर दिया. जबकि एक श्रद्धालु की मौत बदरीनाथ धाम व एक श्रद्धालु की मौत यात्रा के दौरान हुई.
इतने श्रद्धालुओं की हो चुकी है मौत:पहले मौत रविवार को उस वक्त हुई जब मध्य प्रदेश की रहने वाली 22 वर्षीय संपत्ति बाई को सांस लेने में दिक्कत हुई और यमुनोत्री में उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि वह मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर जानकी चट्टी पर अचानक बेहोश हो गई थी. इसी तरह यूपी के रहने वाली विमला देवी और मध्य प्रदेश के रहने वाले 71 साल के रामगोपाल भी यमुनोत्री धाम जाते हुए अचानक बीमार हो गए और उनकी भी मौत हो गई. हाई एटीट्यूड में अचानक से पहुंचने के कारण तीनों श्रद्धालुओं की मौत 72 घंटे के अंदर हो गई थी. जिससे शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया. यात्रा शुरू होने के चंद घंटों बाद ही श्रद्धालुओं की मौत चर्चा का विषय बन गई.
भारी तादाद में पहुंच रहे श्रद्धालु:चारधाम यात्रा को लेकर दूसरी सबसे बड़ी चर्चा यात्रियों की अत्यधिक संख्या बन रही है. लगातार सरकार और प्रशासन को यह मालूम था कि श्रद्धालु रोजाना लाखों की तादाद में रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं, उसके बावजूद भी आखिरकार अधिक भीड़ होने की वजह से व्यवस्था क्यों नहीं बन पाई, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं? आखिरकार अचानक से इतनी भीड़ आई तो आई कैसे? चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सबसे पहला पड़ाव हरिद्वार या ऋषिकेश होता है. ऐसे में 10 से लेकर 13 मई तक चारों धाम में अब तक लाखों की संख्या में भक्त पहुंच गए हैं.
मार्ग पर गाड़ियां रेंगती दिखाई दे रही:अभी तक 1,02,499 श्रद्धालु बाबा केदार के और 29,180 श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं. गंगोत्री में अभी तक 36,644 श्रद्धालु और यमुनोत्री 43,528 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं. ये आंकड़े बीते दिन के हैं.भारी भीड़ से गंगोत्री यमुनोत्री में 10 से 15 घंटे बाद लोग 50 किलोमीटर की यात्रा कर पा रहे हैं. ऐसा ही हाल बदरीनाथ धाम की तरफ जाने वाली सड़क का भी है, जहां भूस्खलन जोन की वजह से कई जगह पर गाड़ियां रेंग-रेंग कर चल रही है. हालांकि यात्रा के पांचवें दिन इस मार्ग पर हालात थोड़े सुधर रहे हैं.
पहली बार कपाट खुलते ही होने लगा विरोध:इतना ही नहीं इस बार की यात्रा शुरू होते ही चर्चा का विषय गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित और स्थानीय व्यापारी भी बने हैं. 10 तारीख को जब भगवान केदारनाथ के कपाट खोले गए, तब स्थानीय लोगों ने दुकानदारों और पुरोहितों ने केदारनाथ बाजार बंद करने का एलान जैसे ही किया वैसे ही शासन-प्रशासन के हाथ पैर फूल गए. हजारों श्रद्धालु केदारनाथ के रास्ते और मंदिर परिसर में मौजूद थे. ऐसे में पहले ही दिन हड़ताल ने केदारनाथ की यात्रा को चर्चा में लाकर खड़ा कर दिया. यात्रियों को खाने-पीने की दिक्कतों से लेकर रहने और आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा.हालांकि एक दिन की हड़ताल के बाद हालत सामान्य तो हुए लेकिन दूसरे ही दिन बदरीनाथ के कपाट खुलते ही तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज ने विरोध करना शुरू कर दिया.
धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हालात:यह विरोध वीआईपी दर्शन और गांव तक जाने वाले मार्ग को बंद करने को लेकर था. ऐसा पहली बार हुआ जब तीर्थ पुरोहितों ने कपाट खुलने के तुरंत बाद मंदिर के परिसर में ही नारेबाजी करनी शुरू कर दी थी. यहां मामला शांत होते ही 14 तारीख को गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित नाराज हो गए. सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हुए तीर्थ पुरोहितों ने यात्रियों के गंगोत्री धाम में दर्शन करने पर ही ऐतराज जता दिया. दरअसल तीर्थ पुरोहित यात्रा में अव्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी की वजह से बेहद नाराज दिखाई दिए. यही कारण है कि तमाम तीर्थ पुरोहितों ने शासन प्रशासन पर आधी अधूरी यात्रा की तैयारी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी. हालांकि अब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी हालत धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. लेकिन पंडा पुरोहित और स्थानीय लोगों का यही कहना है कि अगर व्यवस्थाएं पहले से दुरुस्त की जाती तो यह हालत नहीं बनते.