कोटा.भारत सेमीकंडक्टर डिजाइन, निर्माण और प्रौद्योगिकी विकास का वैश्विक केंद्र बनने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है. इसमें लाखों करोड़ रुपए का निवेश भी किया जा रहा है. इसके चलते अब देश में इंजीनियरिंग कर रहे अभ्यर्थियों के लिए बेहतर भविष्य की राह आसान होने वाली है. वर्तमान में इंजीनियरिंग फील्ड में रोजगार की संभावनाओं की कमी है, लेकिन आने वाले सालों में इसमें बूम रहेगा. इसका एक उदाहरण भी इस साल जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन में देखने को मिला है, जिसमें रिकॉर्ड तोड़ अभ्यर्थियों की वृद्धि हुई है.
बढ़ेगी रोजगार की संभावना :कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की स्थापना से इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स की मांग बढ़ जाएगी. इसके बाद विद्यार्थियों की इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच की तरफ रूझान बढ़ेगा. ऐसे में कंप्यूटर साइंस ब्रांच में प्रवेश न मिलने से अभ्यर्थी निराश नहीं होंगे. उनके पास इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन ब्रांच के रूप में एक बेहतर विकल्प होगा. यह ब्रांच देश के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IITs) और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NITs) में दूसरे नंबर की ब्रांच मानी जाती है. ऐसे में देश के टॉप एनआईटी में इस ब्रांच में जेईई मेन की 10000 रैंक तक एडमिशन मिल जाता है. इस ब्रांच से ग्रेजुएट होने के बाद रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ जाएगी.
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एनआईटी और ट्रिपल आईटी में भी मिलेगा फायदा :जेईई मेन ऑल इंडिया रैंक 10000 तक विद्यार्थियों को देश की शीर्ष एनआईटी की 4 वर्षीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच में प्रवेश मिलने की संभावना रहती है. देव शर्मा ने बताया कि एनआईटी-वारंगल, सूरतकल, त्रिची, इलाहाबाद और जयपुर देश की शीर्ष एनआईटी में शुमार हैं. विद्यार्थियों को इन एनआईटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच में इंजीनियरिंग करने पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के कई अवसर उपलब्ध रहते हैं. इनके अलावा निकली रैंक पर मिलने वाली एनआईटी और ट्रिपल आईटी में भी इस ब्रांच में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों को फायदा मिलेगा. यहां 10000 से भी नीचे रैंक वाले अभ्यर्थियों को एडमिशन मिल जाता है.