कवर्धा में बस्तर के दो इनामी नक्सलियों का सरेंडर, जानिए खूंखार माओवादी हिड़मा से है क्या कनेक्शन - Naxalites of Bastar surrender - NAXALITES OF BASTAR SURRENDER
कबीरधाम में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई का असर दिख रहा है. दो इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. एक सप्ताह में तीन माओवादियों ने हथियार डाले हैं.
बस्तर के नक्सलियों का कबीरधाम में सरेंडर (ETV BHARAT)
कवर्धा पुलिस के सामने बस्तर के नक्सलियों का सरेंडर (ETV BHARAT)
कवर्धा: कवर्धा में लाल आतंक के खिलाफ पुलिस की सक्रियता का असर दिख रहा है. पुलिस के सामने दो इनामी नक्सलियों ने सरेंडर किया. छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर माओवादियों ने हथियार डाले हैं. सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने माओवादियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर हिंसा का रास्ता छोड़ा और समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का फैसला किया.
खूंखार नक्सली हिड़मा से इनामी माओवादी का संबंध (ETV BHARAT)
कवर्धा में लाल आतंक का सरेंडर: कवर्धा पुलिस के सामने दो इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इन पर 10 लाख और 15 लाख रुपये का इनाम घोषित था. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में माओवादी दिनेश उर्फ लक्ष्मण मरकाम है. यह सुकमा का रहने वाला है. इसके ऊपर 10 लाख का इनाम घोषित था. आत्मसमर्पण करने वाले दूसरे माओवादी का नाम भीमा उर्फ अनिल है. यह भी सुकमा का रहने वाला है. इसके ऊपर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
बस्तर के नक्सली का सरेंडर (ETV BHARAT)
सरेंडर करने वाले नक्सलियों को मिलेगी सहायता: कवर्धा में सरेंडर करने वाले नक्सलियों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी. जिन दो नक्सलियों ने सरेंडर किया है उन्हें फौरी तौर पर 25, 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई है. इन नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़ने के बाद सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. इस बात का भरोसा कवर्धा पुलिस ने दिया है.
"कबीरधाम में सरकार की योजनाओं को सरेंडर नक्सलियों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. जिसके तहत दो इनामी नक्सलियों दिनेश उर्फ लक्ष्मण और इनामी नक्सली भीमा उर्फ अनिल ने सरेंडर किया है. बीते एक सप्ताह में कुल तीन नक्सलियों ने हथियार डाले है. साल 2023 में कुल सात नक्सलियों ने सरेंडर किया था. हमें उम्मीद है कि और भी नक्सली जल्द सरेंडर करेंगे": अभिषेक पल्लव, एसपी, कवर्धा
बस्तर में खुल रहे पुलिस कैंप से लाल आतंक बौखलाया: बस्तर में लगातार खुल रहे पुलिस कैंप से नक्सली लगातार बौखला गए हैं. इसलिए वह हिंसा का रास्ता छोड़ रहे हैं. यही वजह है कि कवर्धा में सुकमा के नक्सलियों ने सरेंडर किया है.