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2019 में 9 तो इस बार बिहार में 16 जनसभाएं करेंगे पीएम मोदी, सवाल...टेंशन में BJP या कोई खास रणनीति? - lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के साथ जदयू और लोजपा थी. 2022 में नीतीश के अलग होने के बाद भाजपा 17 महीने अकेले रही. भाजपा थिंक टैंक का मानना है कि इस दौरान बिहार के 50 प्रतिशत से अधिक लोकसभा सीटों पर भाजपा की स्थित कमजोर थी. ऐसे में एनडीए के पक्ष में हवा बनाने के लिए पीएम मोदी की सभा करवाने की रणनीति बनायी गयी है. पढ़ें, विस्तार से.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 4, 2024, 7:43 PM IST

पीएम मोदी का बिहार दौरा.

पटना: लोकसभा चुनाव 2024 की शुरुआत हो गयी है. बिहार में पीएम नरेंद्र मोदी ने आज 4 अप्रैल को जमुई से प्रचार अभियान की शुरुआत की. एनडीए के तमाम घटक दल और लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार प्रधानमंत्री का कार्यक्रम अपने क्षेत्र में चाहते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है प्रधानमंत्री का कार्यक्रम उम्मीदवारों के लिए जीत की गारंटी से कम नहीं है. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि एनडीए के मुकाबले इंडिया गठबंधन को कमजोर बताया जा रहा है तो फिर भी मोदी क्यों जरूरी हैं.

जमुई में नीतीश कुमार के साथ पीएम मोदी.

सभी सीटों पर जीत की तैयारीः नरेंद्र मोदी एनडीए के स्टार प्रचारक हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन का स्वरूप कमोबेश आज की तरह ही था. बावजूद इसके पीएम मोदी ने 2019 के चुनाव में 9 चुनावी सभाएं की थी. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में 16 चुनावी सभा की तैयारी है. बिहार में सभी 40 लोकसभा सीट को जीतने का लक्ष्य रखा गया है जाहिर तौर पर पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार अधिक चुनावी सभा करने की तैयारी है.

जमुई में पीएम मोदी.

मांझी ने पीएम के कार्यक्रम की मांग कीः बिहार में सात चरण में चुनाव होने हैं. पहले चरण में दो चुनावी सभा तय की गई. जमुई में प्रधानमंत्री ने चुनावी सभा को संबोधित किया. अब 7 अप्रैल को नवादा में प्रधानमंत्री की चुनावी सभा होगी. जमुई, नवादा, औरंगाबाद और गया में पहले चरण का चुनाव होना है. 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. चार लोकसभा सीट में दो लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय किया गया था. अब, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी प्रधानमंत्री का कार्यक्रम गया में चाहते हैं. उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए अनुरोध भी किया है.

पीएम के साथ सम्राट चौधरी.

ताबड़तोड़ सभा की तैयारीः बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आचार संहिता लगने से पहले बिहार में तीन कार्यक्रम कर चुके हैं. औरंगाबाद, बेतिया और बेगूसराय में प्रधानमंत्री सभा कर चुके हैं. 16 चुनावी सभा की तैयारी है. अगर जीतन राम मांझी का प्रस्ताव भी मान लिया जाता है तो बिहार में प्रधानमंत्री की लगभग 20 सभाएं हो जाएंगी. फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम भागलपुर और अररिया के लिए प्रस्तावित है. बक्सर लोकसभा क्षेत्र पर भी भाजपा की नजर है, वहां भी प्रधानमंत्री का दौरा हो सकता है.

श्रेयसी सिंह का अभिवादन स्वीकार करते पीएम.

पीएम को सभी लोग सुनना चाहते हैं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को गारंटी दे रखी है. अब एनडीए के घटक दल के साथ-साथ प्रत्याशी भी मोदी को गारंटी की तरह ले रहे हैं. तमाम राजनीतिक दल और लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार प्रधानमंत्री का कार्यक्रम अपने क्षेत्र में चाहते हैं. प्रधानमंत्री का कार्यक्रम उम्मीदवारों के लिए जीत की गारंटी से कम नहीं है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक प्रवीण बागी का मानना है कि 2019 की तरह ही इस बार भी गठबंधन का स्वरूप है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर कोई सुनना चाहता है उनकी लोकप्रियता में भी वृद्धि हुई है राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान में भी इजाफा हुआ है.

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"मोदी के लिए बड़ी चुनौती नहीं दिखती है. लेकिन बीजेपी ने लक्ष्य बड़ा रखा है, इस वजह से मोदी बिहार में अधिक चुनावी सभा कर रहे हैं. नीतीश कुमार अगर इंडिया गठबंधन में होते तो भाजपा के लिए चुनौती होती. लेकिन, नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा बन गये हैं तो अब चुनौती जैसी कोई चीज नहीं दिखती है."- प्रवीण बागी, राजनीतिक विश्लेषक

पीएम के साथ सम्राट चौधरी.

कमजोर उम्मीदवार पर नजरः प्रवीण बागी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की जो साख बढ़ी है और पड़ोसी देशों के साथ जिस तरीके से आंख में आंख मिलाकर भारत बात कर रहा है वह भी जनता को खूब भा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित किया यह भी हिंदी पट्टी के लोगों के द्वारा खूब पसंद किया जाता है. प्रधानमंत्री मोदी की नजर एनडीए के कमजोर कड़ी पर होगी. जहां एनडीए उम्मीदवार कमजोर पड़ रहे होंगे वहां प्रधानमंत्री की सभा की जाएगी. प्लानिंग भी उसी हिसाब से की गयी है.

"नरेंद्र मोदी भीड़ जुटाउ नेता हैं. भीड़ रहेगी तभी नेता अपनी बात कर पाएंगे. नरेंद्र मोदी जो बात कहते हैं वह अंतिम छोड़ तक पहुंचती है. अंतिम छोड़ के लोग उससे कनेक्ट होते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरीके से स्थानीय भाषा में संबोधन शुरू करते हैं वह भी लोगों को खूब कनेक्ट करता है. अपनापन का बोध होता है."- रवि उपाध्याय, राजनीतिक विश्लेषक

सभी उम्मीदवार पीएम का कार्यक्रम चाहते हैंः रवि उपाध्याय कहते हैं कि भाजपा ने बिहार की सभी सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. ऐसे में प्रधानमंत्री ज्यादा से ज्यादा लोकसभा क्षेत्र को टच करने की कोशिश करेंगे. सभी लोकसभा क्षेत्र में उनकी मौजूदगी रहेगी. मोदी के भाषण के बाद फ्लोटिंग वोटर एकजुट होते हैं. साथ ही साथ भाजपा के बिखरे कार्यकर्ता भी पूरे उत्साह के साथ काम करते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी सभी चाहते हैं कि उनके क्षेत्र में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम हो ताकि जीत पक्की हो जाए.

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