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मोहन सरकार की कमाऊ जेल, कैदी एक नहीं, लेकिन भर रही खजाना - BHOPAL JAIL INCOME

मध्य प्रदेश की राजधानी में एक जेल ऐसी हो,जो कैदियों के लिए नहीं बल्कि कमाई के लिए जाना जाता है.यह एमपी की कमाऊ जेल है.

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मध्य प्रदेश की कमाऊ जेल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 11, 2025, 9:02 PM IST

Updated : Feb 12, 2025, 7:24 AM IST

भोपाल( ब्रिजेंद्र पटेरिया): मध्य प्रदेश की एक जेल ऐसी भी है, जहां एक भी कैदी नहीं, लेकिन इसके बाद भी राजस्व के मामले में यह सरकार की झोली भर रही है. हाल ही में नेटफ्लिक्स पर आई ब्लैक वारंट में यह खतरनाक तिहाड़ जेल के रूप में नजर आई है. यह जेल बॉलीबुड के तमाम निर्देशकों को जेल दृश्यों के लिए खूब लुभाती है. हालांकि अब भोपाल की इस जेल में शूटिंग करना थोड़ा महंगा होने जा रहा है. इस जेल में शूटिंग की दरों में बढ़ोत्तरी का विचार किया जा रहा है. अभी इस जेल में एक दिन की शूटिंग के लिए 50 हजार रुपए खर्च करने होते हैं, जिसमें जल्द ही और बढ़ोत्तरी हो सकती है. आइए बताते हैं आखिर क्यों पसंद आती है फिल्मकारों को यह जेल...

ब्लैक वारंट की तिहाड़ जेल कौन सी ?

नेटफ्लिक्स पर हाल ही में रिलीज हुई 'ब्लैक वारंट'की पूरी शूटिंग ही इस जेल में हुई है. विक्रमादित्य मोटवानी की यह वेब सीरीज देश की सबसे बड़ी और खतरनाक तिहाड़ जेल पर बनी है. इसमें वेब सीरीज के नायक सुनील गुप्ता के तिहाड जेल के जेलर बनने और कैदियों की लाइफ पर आधारित है. यह पूरी वेब सीरीज एक जेल के अंदर ही शूट हुई है. शानदार कहानी की वजह से लोगों में भी यह उत्सुकता बढ़ गई है कि जिस जेल में यह फिल्म शूट हुई वह जेल आखिर किस शहर में है.

भोपाल जिला जेल (ETV Bharat)

अजय देवगन को भी पसंद आयी जेल

ब्लैक वारंट के पहले 2023 में बनी वेब सीरीज...'औरों में कहां दम था' कि 80 फीसदी शूटिंग मध्य प्रदेश में हुई. बताया जाता है कि फिल्म में जेल के दृश्यों को फिल्माने की बात आई तो इसके लिए सबसे बेहतर लोकेशन के रूप में भोपाल की जेल को ही सिलेक्ट किया गया था. बताया जाता है कि जाने-माने फिल्म अभिनेता अजय देवगन को भी शूटिंग के लिए यह जेल पसंद आई.

प्रकाश झा के आश्रम 3 की भी हो चुकी शूटिंग

जाने-माने फिल्म डायरेक्टर प्रकाश झा की वेब सीरिज आश्रम 3 की शूटिंग भी भोपाल की इस जेल में हो चुकी है. इसमें बॉबी देओल मुख्य भूमिका में रहे हैं. हालांकि इस वेब सीरिज की शूटिंग के दौरान जेल परिसर के बाद ही जमकर हंगामा भी हुआ था. तब धार्मिक संगठन ने क्रू मेंबर्स के साथ मारपीट कर दी थी.

भोपाल जेल में होती है फिल्मों की शूटिंग (ETV Bharat)

इसलिए फिल्म मेकर्स को पसंद आती है यह जेल

शूटिंग के लिए फिल्मकारों को भोपाल की पुरानी जेल पसंद आने का कारण फिल्म प्रोडक्शन से जुड़े रहे रजत तिवारी बताते हैं. "वे कहते हैं कि जेल से जुड़ी शूटिंग के लिए यह परफेक्ट लोकेशन है, इसके बाहर गेट से लेकर अंदर बैरिक तक हूबहू पहले जैसा है. अभी भी अंदर बैरकें बनी है." जेल मुख्यालय आईजी संजय पांडे बताते हैं कि "जेल में शूटिंग के पहले फिल्म निर्माताओं को सिर्फ फिल्म से संबंधित जेल का नाम लिखकर टांगना होता है.

फिल्मों में इसे तिहाड़ जेल दिखाया (ETV Bharat)

कभी यह दिल्ली की तिहाड़ जेल बन जाती है, तो कभी मुंबई की ऑर्थर रोड जेल. जेल के बाहर काफी बड़ा मैदान भी है, जो फिल्म निर्माताओं के सेट, गाड़ियों और अन्य सामान के लिए काम आ जाता है. वे बताते हैं कि पिछले एक साल में इस जेल में हुई फिल्म शूटिंग से करीबन 1 करोड़ रुपए का रेवेन्यू शासन को मिला है. जेल में शूटिंग का एक दिन का किराया 50 हजार रुपए दिन है. पहले यह 25 हजार रुपए दिन था.

संजू, औरों में कहां दम सहित कई फिल्मों की शूटिंग (ETV Bharat)

फ्री में हुई थी 600 करोड़ कमाने वाली फिल्म की शूटिंग

भोपाल की पुरानी जेल सबसे ज्यादा चर्चाओं में सुपरहिट फिल्म संजू से हुई थी. संजय दत्त की बायोपिक इस फिल्म में रणवीर कपूर और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा की फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 586 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था. इस फिल्म में जेल के दृश्यों को भोपाल की पुरानी जेल में ही फिल्माया गया था. भोपाल जेल में फिल्म की शूटिंग 10 दिनों तक चली थी. बताया जाता है कि इसके लिए एक रुपए भी किराया नहीं लिया गया था. मध्य प्रदेश में फिल्म शूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए लोकेशन मुफ्त में उपलब्ध कराई गई थी.

जिला जेल का एक दिन का चार्ज 50 हजार (ETV Bharat)

ऐतिहासिक है भोपाल की पुरानी जेल

भोपाल की यह पुरानी जेल ऐतिहासिक है. 1885 में भोपाल रियासत में इसका निर्माण किया गया था. तब से लेकर आजादी के बाद साल 1990 तक इसका जेल के रूप में उपयोग किया जाता रहा. इसकी क्षमता 1100 कैदियों की रही है. यह जेल इसलिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि इसमें स्वतत्रंता संग्राम सैनानियों से भी सजा काटी. इस जेल के अंदर जैसे ही प्रवेश करते हैं, तो इसके दाएं तरफ एक बोर्ड लगा है, जो बताता है कि इस जेल में देश के पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा ने भी सजा काटी है.

ऐतिहासिक है भोपाल की पुरानी जेल (ETV Bharat)

इस पर लिखा है, इस जेल में भारत के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. शंकर दयाल शर्मा तत्कालीन भोपाल स्टेट का स्वतंत्र भारत में विलय के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने के आरोप में 1949 में बंदी रहे. यह शिलालेख 4 अगस्त 1996 में तब लगाया गया था. जब राष्ट्रपति के रूप में डॉ. शर्मा यहां पहुंचे थे. इस जेल में आज भी बैरकें बनी हुई हैं. भोपाल की पुरानी जेल का री-डेवलपमेंट का भी पूर्व में निर्णय लिया गया था, लेकिन बाद में इस क्षेत्र की लोकेशन और संवेदनशीलता को देखते हुए बाद में टाल दिया गया. अब यह मामला पूरी तरह से ठंडे बस्ते में जा चुका है.

Last Updated : Feb 12, 2025, 7:24 AM IST

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