भोपाल: कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डाक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में देश भर में जूनियर डाक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं. एमपी में भी राजधानी समेत प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों में प्रदर्शन हो रहा है. जिससे इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अन्य काम प्रभावित हो रहे हैं. एम्स भोपाल के 600 रेजीडेंट डाक्टर हड़ताल पर हैं, इन्होंने काम भी बंद कर दिया है. वहीं गांधी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डाक्टर हाथों में काली पट्टी बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे हैं.
पीड़िता को न्याय और डाक्टरों के प्रोटेक्शन एक्ट की मांग
नेशनल फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ एम्स औररेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन एम्स भोपाल के प्रेसीडेंट डॉ. दिव्यभूषण ने बताया कि 'देशभर में मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डाक्टर हड़ताल पर हैं. केंद्र व राज्य सरकारों से हमारी मांग है, कि पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलाया जाए. साथ ही सरकार सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट डॉक्टर एंड हेल्थ वर्कर लागू करे. जब तक हमें मंत्रालय से ठोस आश्वासन या लिखित आदेश नहीं मिलता, हम शांतिपूर्ण विरोध जारी रखेंगे.'
इमरजेंसी सेवाओं में असर नहीं, 20 छोटे ऑपरेशन टले
एम्स भोपाल के जूनियर डॉक्टर शांतिपूर्ण हड़ताल कर रहे हैं. इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं पर कोई असर नहीं है, लेकिन ओपीडी और इलेक्टिव सर्जरी जिसमें पहले से डेट जारी है, वहां जूनियर डाक्टर नहीं जा रहे हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी और कंसल्टेंट मरीजों को देख रही है, जरुरी ऑपरेशन भी किए जा रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मंगलवार को 20 छोटे ऑपरेशन टालने पड़े. वहीं अस्पताल प्रबंधन ने इन दिनों के लिए कंसल्टेंट के वीक ऑफ भी कैंसिल कर दिया है. फैकल्टी और कंसल्टेंट ही लैब और ओटी से लेकर वार्ड तक सभी जगह काम कर रहे हैं.
यह हैं डाक्टरों की मांग
एम्स के रेजिडेंट डाक्टरों ने मंगलवार के बाद बुधवार को भी ओपीडी ब्लॉक के सामने धरना प्रदर्शन किया. इसके बाद यहां से मेडिकल कॉलेज तक का पैदल मार्च निकाला गया. आरडीए के ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ. मंडलोईने कहा कि 'वे चार मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. जिसमें पीड़िता के परिवार को मुआवजा देना, घटना की सीबीआई जांच, मामले की सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट में हो और सेंट्रल हेल्थ केयर प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग शामिल है. इसके अलावा आरजीकर मेडिकल कॉलेज के उच्च अधिकारियों को उनके पदों से हटाया जाए.'