सागर (कपिल तिवारी): आम तौर पर गोल्फ जैसा खेल अमीर लोगों का खेल माना जाता है और इस खेल में उपयोग आने वाले उपकरण भी काफी महंगे मिलते हैं, लेकिन एक मजदूर पिता की बेटी ने यूट्यूब और अपनी सहेलियों की मदद से ऐसा कमाल कर दिखाया है कि गरीब परिवार की झोली खुशियों से भर गयी है. 11वीं कक्षा की छात्रा गरिमा यादव ने पिछले दिनों तमिलनाडु में हुई 10वीं सब जूनियर नेशनल मिनी गोल्फ नेशनल प्रतियोगिता में दो पदक जीतकर कमाल कर दिया है. मुश्किलों और आर्थिक तंगी के बीच पली बढ़ी बेटी की उस सफलता पर उसके परिजनों और रिश्तेदारों ने जमकर स्वागत किया. गरिमा यादव ने दो अलग-अलग प्रतियोगिता में गोल्ड और ब्रांज मेडल जीता है.
मजदूर पिता की बेटी ने कैसे सीखा महंगा खेल
जहां तक गोल्फ खेल की बात करें, तो ये काफी महंगा खेल और शौक है. आमतौर पर अमीर लोग इस खेल को खेलते हैं, लेकिन गरिमा यादव को यूट्यूब पर देखकर ये खेल इतना पसंद आया कि उसने मिनी गोल्फ खेलने के लिए काफी मेहनत मश्क्कत की. गरिमा बताती है कि "मैंने यूट्यूब से सारी चीजें सीखी और मेरा ग्यारहवीं में फिजिक्स, कैमेस्ट्री और मैथ्स सबजेक्ट है. मुझे इस खेल में अपनी पढ़ाई का फायदा भी मिला. मैंने फिजिक्स के जरिए समझा कि मिनी गोल्फ के लिए किस एंगल से कैसे मारना है."
दूसरी बड़ी परेशानी थी कि गोल्फ का जो पटर है, वो ही करीब साढे़ छह हजार रुपए का आता है. वहीं गोल्फ की बाॅल इससे ज्यादा महंगी आती है. मैंने अपने सहेलियों से मदद ली. मैंने अपने छत पर कोर्ट बनाया और उससे प्रेक्टिस की. मेरी सहेली के पास खेल के उपकरण थे, तो उसने भी मेरी मदद की. इस तरह मैंने मिनी गोल्फ सीखी और कम्पटीशन में हिस्सा लिया.
मजदूर पिता की भर दी खुशियों से झोली
गरिमा यादव के पिता अनिरुद्ध यादव की बात करें, तो उन्होंने काफी संघर्षों में अपने परिवार का पालन पोषण किया है. उनकी दो बेटियां हैं और वो दोनों को बेटों की तरह पालते हैं. उन्होंने बेटियों की अच्छी पढ़ाई और खेल-कूद के शौक पूरा करने के लिए आरओ वाॅटर प्लांट में मजदूरी की. थोड़े-थोड़े पैसे जोड़कर प्लांट को किराये पर लेकर चलाना शुरू किया. बेटियों की पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें एक अच्छा भविष्य देने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं. जब तमिलनाडु से दो-दो मेडल जीतकर उनकी बेटी लौटी, तो पिता और परिवार सहित रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने जमकर स्वागत किया. गरिमा ने डबल्स में गोल्ड मेडल और टीम इंवेट में ब्रांज जीता है.
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पढ़ाई के साथ-साथ गोल्फ में नाम कमाना चाहती है गरिमा
गरिमा यादव की बात करें, तो परिजन बताते हैं कि वो पढ़ाई में काफी होनहार है. उसका कहना है कि "मैं पढाई के साथ-साथ गोल्फ खेल में भी करियर बनाना चाहती हूं. फिलहाल 11वीं पढ़ रही गरिमा यादव भविष्य में इंजीनियर बनना चाहती है और साथ में गोल्फ में भी आगे बढ़ना चाहती है. फिलहाल गरिमा यादव के पिता अनिरुद्ध बेटी के सपने पूरे करने के लिए दिन दूनी और रात चौगुनी मेहनत कर रहे हैं.