ग्वालियर चंबल में 100 गांव खाली करने का आदेश, सिंध नदी लाएगी तबाही, खतरे का निशान 20 फीट पार - Sindh River Flood Alert
मध्य प्रदेश में बीते तीन दिनों से जारी बारिश ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. खासतौर पर चंबल अंचल में हर ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है. भिंड जिले में जहां बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं तो वहीं सिंध नदी खतरे के निशान से 20 फीट ऊपर बह रही है. इसके चलते प्रशासन से 100 गांवों को चिन्हित कर खाली कराना शुरू कर दिया है.
भिंड : मध्य प्रदेश के चंबल अंचल से गुजरी सिंध नदी 2021 की तरह तबाही मचा सकती है. अचानक हुई भारी और बिना रुके बारिश की वजह से नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. मड़ीखेड़ा बांध से भी पानी सिंध नदी में छोड़े जाने से जा रहा है. हालात ये हैं कि सिंध अब भिंड जिले में खतरे के निशान से 6 मीटर यानी तकरीबन 20 फीट ऊपर से बह रही है. आसपास के गांवों के डूबने की संभावना बढ़ती जा रही है, जिसे लेकर प्रशासन बचाव व राहत कार्य के लिए अलर्ट पर है.
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ग्रामीणों को किया अलर्ट, हर स्थिति से निपटने की तैयारी
सिंध नदी का बड़ा हिस्सा मेहगांव और लहार से गुजरता है. कुछ गांव भिंड देहात के भी हैं, जहां नदी का जलस्तर बढ़ने पर बाढ़ का पानी गांवों के अंदर पहुंच जाता है. इन हालातों को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले 33 गांव खाली कराने का अलर्ट जारी किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 100 गांव तक कर दिया गया. लोगों को समझाया जा रहा है कि वह एक गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचें. ऐसे में लोग भी पलायन की तैयारी में जुटे हैं. क्योंकि इन गांवों ने पहले भी सिंध की तबाही देखी है.
लगातार बढ़ रहा खतरा, सरकार कर रही मॉनिटरिंग
भिंड जिला जनसंपर्क कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम सिंध नदी का जलस्तर मेंहदाघाट पर 123 मीटर पर था, जो खतरे के निशान 120 मीटर से 3 मीटर ज्यादा था. वहीं शुक्रवार सुबह ये जलस्तर बढ़कर 125 मीटर से ऊपर गुजर चुका था और अब 126 मीटर से ऊपर है. हर पल सिंध से बाढ़ का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में लहार के बरहा, लिलवारी, केशवगढ़ समेत मेहगांव के नयागांव, और आसपास के गांव भिंड देहात के भारौली कलां, भारौली खुर्द समेत 100 से ज़्यादा गांव ऐसे हैं जहां सबसे ज्यादा नुकसान की संभावना है.
खतरे के निशान से कई फीट ऊपर बह रही सिंध (Etv Bharat)
नदियों का वर्तमान जलस्तर (शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक)
नदी
वर्तमान जलस्तर
खतरे का निशान
चंबल
119.34 मी.
119.80 मी.
सिंध
126.28मी.
120.30मी.
क्वारी
127.46 मी.
125.96 मी.
2021 में भी तबाही मचा चुकी सिंध नदी
2021 में जब अत्याधिक वर्षा हुई थी तो उस दौरान सिंध नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 20 मीटर ऊपर तक पहुंच गया था. ना सिर्फ भिंड ज़िले बल्कि शिवपुरी, दतिया, ग्वालियर में भी भीषण बाढ़ की स्थिति बनी थी. इस बाढ़ में सिंध के तेज बहाव में तीन जिलों के नदी पर बने पांच पुल बह गए थे. उस दौरान भिंड जिले में 44 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया था, लोगों की ग्रहस्ती बर्बाद हो गई थी, वहीं अनाज और मवेशी तक बाढ़ में बह गए थे. गांव के गांव डूब गए थे. जिले में करोड़ों का आर्थिक नुकसान हुआ था रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ, होमगार्ड, एनडीआरएफ और आर्मी तक को बुलाना पड़ा था कुछ जगहों से फसे हुए लोगो को हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू किया गया था. लेकिन अच्छी बात यह थी कि कोई जनहानि नहीं हुई थी.
सिंध के रौद्र रूप से लोगों को 2021 जैसी बाढ़ का डर (Etv Bharat)
राहत कार्य में जुटा प्रशासन
अंचल में बारिश को स्थिति और बाढ़ के बन रहे हालातों को लेकर जिला प्रशासन दिन रात काम में जुटा है. बताया जा रहा है की इन हालातों से निपटने के लिए नर्मदापुरम से भी SDERF की विशेष टुकड़ी बुलवाई गई है. साथ ही गोताखोरों को भी अलर्ट पर रखा गया है. हालांकि, भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना है, " हमने 100 गांवों में अलर्ट जारी किया था और शुक्रवार सुबह से बारिश थमने से हालात कुछ बेहतर लग रहे हैं. क्योंकि शुक्रवार दोपहर जल स्तर थोड़ा घटा है और यदि बारिश न हुई तो स्थिति में सुधार होने की पूरी गुंजाइश है. फिर भी लोगों को लगातार सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की हिदायत दी जा रही है."
कई गांवों के अंदर पहुंचने लगा है बाढ़ का पानी (Etv Bharat)
आपको बता दें कि भिंड जिले में तीन नदियों अपना असर रखती हैं और बारिश में तीनों ही नदियां अपना रौद्र रूप दिखाने लगती हैं. 2019 में चंबल नदी में बाढ़ आई थी, जिससे अटेर क्षेत्र के दो दर्जनों गांव प्रभावित हुए थे. यहां मोर्चा आर्मी को संभलना पड़ा था. इसके बाद साल 2020 में भी चंबल ने अपना रौद्र रूप दिखाया था. हालांकि, तब सिंध नदी में भी जलस्तर बढ़ने से कुछ गांवों में बाढ़ के हालात थे. साल 2021 में सिंध की तबाही सभी ने देखी और एक बार फिर 2024 में भिंड उसी तबाही की दहलीज पर खड़ा नजर आ रहा है.