रायपुर: बागेश्वर धाम सरकार बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने बुधवार को रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने धर्मांतरण, राम रामज्य, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समेत कई मुद्दों पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया. उन्होंने छत्तीसगढ़ की तारीफ की और कहा कि हम भारत को माता के रूप में पूजते हैं. हमारा भारत मातृत्व प्रधान देश है. यहां गौमाता है गंगा माता है गायत्री माता है गौरी माता है और भारत भी माता है. हमारे देश में एक ऐसा प्रदेश है जिसे मातृत्व के रूप में देखा जाता है. उसे छत्तीसगढ़ महतारी के रूप में देखा जाता है. हम छत्तीसगढ़ की धरती में आए. जहां भगवान राम का ननिहाल है. यहां कौशल्या माता का मंदिर हैं. जहां राजीव लोचन का मंदिर है. जहां दंतेश्वरी माता है जहां पर भोरमदेव हैं जहां पर घटारानी है. जहां शबरी माता ने प्रभु राम को बेर खिलाया. जहां के कण कण में राम हैं. यहां पर हम रामकथा करने आए हैं. यहां साल बदला हालात बदले और यहां बहार है. हम अयोध्या से सीधे छत्तीसगढ़ आए.
क्या बदलाव हुआ: बागेश्वर सरकार ने देश में बदलाव की बात कही है. उन्होंने कहा कि एक साल में आपने देख लिया कि कैसे राम मंदिर का काम हुआ. यहां भी बदलाव हुआ अब यहां सरकार बदल गई.जब हम धर्मांतरण का विरोध करते थे तो हमारे बयान को विवादास्पद कहते थे. यहां सरकार बदल गई यहां के लोगों के भाव बदल गए. छत्तीसगढ़ की नवीन ऊर्जा अब विकास की ओर बढ़ रही है. छत्तीसगढ़ में जो धर्मांतरम कर रहे हैं उनकी ठठरी और गठरी दोनों बंद होनी चाहिए. कथाओं के बल पर धर्मांतरण रुकेगा. जल्द ही द्वापर युग आएगा. अभी त्रेता युग चल रहा है.
धर्मांतरण के खिलाफ करुंगा कथा: धर्मांतरण कैसे रुकेगा इस प्रश्न के सवाल पर बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि" जिस प्रकार मस्जिदों में चर्चों में धर्म की शिक्षा दी जाती है. उसी तरह छत्तीसगढ़ के प्रत्येक मंदिर के पुजारियों को एकजुट होकर प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को अपने अपने इलाके के मंदिरों में बच्चों को धर्म की शिक्षा देनी चाहिए. धर्मांतरण अपने आप रुक जाएगा. इसका नेतृत्व छत्तीसगढ़ की जनता करेगी. हम सब लोगों को करना चाहिए. सनातन की रक्षा करने वालों को इसका विरोध करना चाहिए." धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हम धर्मांतरण के खिलाफ बस्तर और जशपुर में राम कथा करने जा रहे हैं.
मुंबई और गुजरात में पथराव की घटना पर दुख जताया: बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि मुझे मुंबई और गुजरात की घटनाओं पर दुख है. कुछ लोगों ने प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन ऐसा काम करने का धर्म विरोधी मुर्खों ने ऐसा किया है. इनकी ठठरी बंध जाए. यह हम चाहते हैं. इसके खिलाफ मैं मुंबई जा रहा हूं.
मंदिर को न तोड़ो: बागेश्वर सरकार ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि "मेरी आपसे अनुरोध करते हुए कहा कि हम सरकार से कहेंगे के विकास के लिए मंदिरों को न तोड़े. यह मूर्खता है आप मंदिरों को न तोड़ो. अगर तोड़ना है तो एशिया का जो दो नंबर है उसे तोड़ दो.धर्मविरोधियों के घर को तोड़ो"
भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा: बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा. भारत में राम राज्य की ओर अग्रसर है. राम राज्य के बाद हम हिंदू राष्ट्र की ओर आगे बढ़ रहा है. धर्म की व्याख्या करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि किसी को बिना दुख पहुंचाए, सनातन की बात करना और गुरुओं संतों के प्रति निष्ठा बनी रहे. रामचरितमानस का पाठ करना उसे आत्मसात कर लेना ही धर्म है. अब सोए हुई हिंदु कम्युनिटी जाग गई है.
चंदखुरी को कौशल्या धाम बनाने की मांग: धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि "सीएम विष्णुदेव साय ने हमसे कहा कि अब छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण नहीं होगा. हमे सरकार से कोई मतलब नहीं है हमें राघव सरकार से मतलब है. मुख्यमंत्री आते जाते रहेंगे लेकिन छत्तीसगढ़ में लोगों के विचार बदलने चाहिए. रामलला की स्थापना को देख कर हमारे आंखों से आंसू बह रहे थे. सत्य की जीत हुई. ज्ञानवापी पर भी जल्द फैसला आएगा. अयोध्या अभी झांकी है, मथुरा काशी बाकी है. मैंने सीएम साय से चंदखुरी का नाम बदलकर कौशल्या धाम करने की मांग की है"
"रामराज्य का मतलब सत्य की जीत है. जातिवाद का जहर मिट जाना है. राम राज्य का मतलब है पिछड़े और बिछड़े लोगों को आगे लाना है. रामराज्य का मतलब है कि जिनके साथ अत्यचार हो रहा है उनके साथ न्याय हो. जो अत्याचार कर रहे हैं उनको जेल में जगह मिले या देश से बाहर कर दिया जाए. मैं शंकराचार्य के ऊपर कुछ नहीं कह सकता हूं. मेरा सामर्थ्य नहीं हुआ है. हमे आश्रम नहीं बनाना है.": धीरेंद्र शास्त्री, बागेश्वर धाम प्रमुख
स्कूलों में हो रामायण और गीता की पढ़ाई: धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि स्कूली पढ़ाई में गीता और रामायण का पाठ करना चाहिए. पहले ग से गणेश पढ़ाया जाता था. अब ग से गधा पढ़ाया जा रहा है. बच्चे अब गधे बन रहे हैं. महारानी लक्ष्मीबाई, स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस, अहिल्याबाई, और बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए. इनकी जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए. इससे भारत के युवा वीरवान, चारित्रवान, तेजवान, धैर्यवान, ज्ञानवान और और पीढ़ियों को निर्माण करने वाले बनेंगे. नई पीढ़ी से अपील है कि वो कर्म पथ पर बढ़ें. प्रत्येक गुरु और अभिभावक को अपने बच्चों को धर्म का पाठ कराना चाहिए. बच्चों को भारतीय संस्कृति में शिक्षा देनी चाहिए.