गयाः बिहार के गया में काला आलू, काला अदरक, काली हल्दी की खेती किसान आशीष कुमार सिंह कर रहे हैं. अब इन्होंने काले फसलों की पंक्ति में एक और फसल को जोड़ा है. ये अब काले टमाटर की खेती कर रहे हैं. पहली बार गया में काला टमाटर की खेती शुरू हुई है. ट्रायल के तौर पर इन्होंने फिलहाल इसे शुरू किया है. अगले साल से कमर्शियल प्रोडक्शन के रूप में काले टमाटर को बड़े पैमाने पर मार्केट में लाएगें.
10 से 12 पेड़ में आए हैं फलः आशीष बताते हैं कि 20 से 25 पेड़ काले टमाटर के लगाए गए थे, लेकिन 10 से 12 पेड़ ही ऐसे हैं जिसमें फल आए हैं. ठंड पड़ने के कारण काले टमाटर के अन्य पेड़ बर्बाद हो गए. फिलहाल छोटे रहने के कारण फलों का रंग काला नहीं हो पाया है लेकिन जैसे ही यह फसल पूरी तरह से पकेगी वैसे ही इस टमाटर का रंग काला हो जाएगा.
"काले टमाटर में एएंथोसायनिन लाल टमाटर की अपेक्षा काफी उच्च स्तर होता है. कई गंभीर बीमारियों में काला टमाटर लाभप्रद है. लेख पढ़ते रहते हैं. इसी दौरान ही उन्हें काले टमाटर की खेती करने का आइडिया आया. इसके बाद उन्होंने अमेजॉन से ऑनलाइन बीज मंगवा कर इसकी खेती शुरू कर दी."-आशीष कुमार सिंह, किसान
कई गंभीर बीमारियों में फायदेमंदः मगध विवि के बॉटनी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार सिंह बताते हैं कि यह काफी पौष्टिक गुणों से भरपूर है. इसमें एंथोसायनिन की भरपूर मात्रा है. जानकार बताते हैं कि लाल टमाटर की अपेक्षा काले टमाटर में एंथोसायनिन का उच्च स्तर होता है. साथ ही अन्य स्वास्थ्य के लिए फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं, जिससे मधुमेह, पुराने रोग, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों में भी काले टमाटर का सेवन लाभप्रद साबित होता है.
"इस टमाटर में एंथोसायनिन ज्यादा पाए जाने के कारण रंग काला या बैंगनी होता है. यह टमाटर ब्रिटेन में उपजाया गया था. यह टमाटर स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है. यह टमाटर बुढापा की प्रक्रिया को धीमा करता है. हृदय रोग और मधुमेह के मरीजों को इसे खाना चाहिए. इससे काफी फायदा होता है. गया में इसकी खेती शुरू हुई है. यह एक अच्छी पहल है."-डॉ. अमित कुमार सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर