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अरब देशों में बढ़ रही केले के प्रोडक्ट की डिमांड, अनंतपुर के किसानों की हुई बल्ले-बल्ले - ARAB COUNTRIES

अनंतपुर के केले के प्रोडक्ट्स की डिमांड अरब देशों में काफी बढ़ रही है. इसके चलते किसानों को भी फायदा हो रहा है.

अरब देशों में बढ़ रही केले के प्रोडक्ट की डिमांड
अरब देशों में बढ़ रही केले के प्रोडक्ट की डिमांड (सांकेतिक तस्वीर)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 22, 2024, 7:27 PM IST

अमरावती: आंध्र प्रदेश के अनंतपुर के केला किसानों के अच्छे दिन आ गए हैं. दरअसल, अब अनंतपुर के केले के प्रोडक्ट रेल और जल परिवाहन के जरिए भी ईरान, इराक, सऊदी अरब, दुबई और बहरीन जैसे अरब देशों में एक्सपोर्ट किए जा सकेंगे. अब तक इन प्रोडक्ट्स को सड़क मार्ग से भेजा जाता था.

फिलहाल 34 वैगनों में 680 मीट्रिक टन जी-9 केले की किस्म निर्यात के लिए तैयार की गई है. अरब देशों को जाने वाले केले की एक ट्रेन 22 तारीख को ताड़ीपटरी रेलवे स्टेशन से रवाना होने जा रही है. इस संबंध में बागवानी अधिकारियों ने बताया कि यह अनंतपुर से मुंबई तक वैगन रेल से जाएगी और फिर वहां से उन्हें जहाजों में ले जाया जाएगा.

दिल्ली की देसाई फ्रूट्स वेजिटेबल कंपनी के प्रतिनिधि साल 2018 में जिले में उगाए जाने वाले केले खरीदने के लिए आगे आए थे. उस समय सालाना 12-15 हजार मीट्रिक टन केले का निर्यात किया जाता था. यह दूसरी बार है जब रेलवे वैगन के जरिए केले अरब देशों को भेजे गए हैं.

कोल्ड स्टोरेज से रेलवे स्टेशन जाएंगे केले
बागवानी विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मार्च तक फलों की गुणवत्ता अच्छी रहने पर इन्हें फिर से भेजने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इन्हें 27 रुपये प्रति किलो और 27,000 रुपये प्रति टन के हिसाब से खरीदा गया है. यह पैसा सीधे किसानों के खातों में जमा किया जा रहा है. केले को कोल्ड स्टोरेज गोदामों से वैगन के जरिए ताड़ीपटरी रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने की तैयारी कर ली गई है.

फसलों की मांग डिमांड
गौरतलब है कि जिले में सेब को छोड़कर 24 तरह के फलों की बागबानी की जाती है. यहां की फलों की विदेशों में काफी मांग है. यहां उगे फलों का स्वाद और खुशबू अच्छी होती है. यह ही वजह है कि अरब देशों में इनकी डिमांड काफी ज्यादा है.

इस संबंध में अनंतपुर में बागवानी विभाग के उप निदेशक नरसिम्हा राव ने कहा कि हमारी फसलें अरब देशों में निर्यात की जाती हैं. इसके लिए मान्यता प्राप्त बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि आगे आ रहे हैं. पहले एक टन 12,500 रुपये में खरीदा जाता था. हाल ही में एक टन 27 हजार रुपये में खरीदा गया, जो कि अच्छी कीमत है.

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