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सराय काले खां में अवैध पेड़ कटाई पर सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंता के खिलाफ FIR दर्ज - ILLEGAL TREE CUTTING IN DELHI

दिल्ली के सराय काले खां इलाके में अवैध पेड़ कटाई का मामला सामने आया है. इसके खिलाफ वन प्रभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई की है.

दिल्ली में पेड़ों की अवैध कटाई के खिलाफ कार्रवाई
दिल्ली में पेड़ों की अवैध कटाई के खिलाफ कार्रवाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 19, 2025, 7:23 AM IST

नई दिल्ली: सराय काले खां गुरुद्वारे के पास अवैध रूप से पेड़ काटने के मामले में दिल्ली सरकार के वन विभाग ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. यह कार्रवाई दिल्ली प्रिजर्वेशन ऑफ ट्रीज एक्ट, 1994 की धारा 8/24 के तहत की गई. दिल्ली के सनलाइट कॉलोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में कहा गया कि 7 फरवरी को वन विभाग को सराय काले खां गुरुद्वारे के निकट सिद्धार्थ नगर में अवैध पेड़ कटाई की शिकायत प्राप्त हुई. शिकायत के अनुसार, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा निर्माण कार्य के दौरान चार पेड़ों को बिना अनुमति के काटा गया.

शिकायत मिलने के बाद दक्षिणी वन प्रभाग के अधिकारियों ने तत्काल स्थल का निरीक्षण किया और अवैध कटाई की पुष्टि की. इसके बाद उप वन संरक्षक (दक्षिण) ने 11 फरवरी को थाना प्रभारी, सनलाइट कॉलोनी को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया. पत्र में अवैध पेड़ कटाई के साक्ष्य, निरीक्षण रिपोर्ट और फोटोग्राफ्स भी संलग्न किए गए थे. इस आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है.

मांगा गया स्पष्टीकरण: उप वन संरक्षक विपुल पांडे ने बताया कि शिकायत मिलने पर विभाग ने कार्रवाई की है. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने अवैध रूप से काटे गए दो पेड़ों को जब्त कर लिया है. साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं शेष बचे पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, उनके आसपास की मिट्टी को फिर से भरने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि उनकी जड़ें मजबूत रहें और उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे.

फिलहाल जांच जारी: दिल्ली में हरित क्षेत्र की सुरक्षा के लिए पेड़ों की अवैध कटाई गंभीर चिंता का विषय है. पेड़ न केवल पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हैं, बल्कि वायु गुणवत्ता सुधारने और तापमान नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इस प्रकार की घटनाएं न केवल कानूनी उल्लंघन हैं, बल्कि पर्यावरणीय क्षति का कारण भी बनती हैं. वन विभाग और पुलिस की संयुक्त जांच जारी है. यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस घटना ने सरकारी विभागों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की आवश्यकता को फिर उजागर किया है.

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नई दिल्ली: सराय काले खां गुरुद्वारे के पास अवैध रूप से पेड़ काटने के मामले में दिल्ली सरकार के वन विभाग ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. यह कार्रवाई दिल्ली प्रिजर्वेशन ऑफ ट्रीज एक्ट, 1994 की धारा 8/24 के तहत की गई. दिल्ली के सनलाइट कॉलोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में कहा गया कि 7 फरवरी को वन विभाग को सराय काले खां गुरुद्वारे के निकट सिद्धार्थ नगर में अवैध पेड़ कटाई की शिकायत प्राप्त हुई. शिकायत के अनुसार, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा निर्माण कार्य के दौरान चार पेड़ों को बिना अनुमति के काटा गया.

शिकायत मिलने के बाद दक्षिणी वन प्रभाग के अधिकारियों ने तत्काल स्थल का निरीक्षण किया और अवैध कटाई की पुष्टि की. इसके बाद उप वन संरक्षक (दक्षिण) ने 11 फरवरी को थाना प्रभारी, सनलाइट कॉलोनी को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया. पत्र में अवैध पेड़ कटाई के साक्ष्य, निरीक्षण रिपोर्ट और फोटोग्राफ्स भी संलग्न किए गए थे. इस आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है.

मांगा गया स्पष्टीकरण: उप वन संरक्षक विपुल पांडे ने बताया कि शिकायत मिलने पर विभाग ने कार्रवाई की है. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने अवैध रूप से काटे गए दो पेड़ों को जब्त कर लिया है. साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं शेष बचे पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, उनके आसपास की मिट्टी को फिर से भरने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि उनकी जड़ें मजबूत रहें और उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे.

फिलहाल जांच जारी: दिल्ली में हरित क्षेत्र की सुरक्षा के लिए पेड़ों की अवैध कटाई गंभीर चिंता का विषय है. पेड़ न केवल पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हैं, बल्कि वायु गुणवत्ता सुधारने और तापमान नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इस प्रकार की घटनाएं न केवल कानूनी उल्लंघन हैं, बल्कि पर्यावरणीय क्षति का कारण भी बनती हैं. वन विभाग और पुलिस की संयुक्त जांच जारी है. यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस घटना ने सरकारी विभागों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की आवश्यकता को फिर उजागर किया है.

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