जयपुर/अलवर :जिले के रामगढ़ विधानसभा से चार बार विधायक रहे जुबेर खान के निधन के बाद उन्हें कर्मभूमि रामगढ़ में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. शनिवार को दोपहर 3 बजे के करीब जुबेर खान का पार्थिव देह काफिले के साथ रामगढ़ के गुरुद्वारा मोड पहुंचा, जहां से पार्थिव देह को गाड़ी से उतारकर जनाजा निकालते हुए तहसील रंगमंच, मुख्य बाजार से होते हुए बालोतनगर से इंडियन गैस गोदाम के पास पहुंचा. जनाजे में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली व वन व पर्यावरण राज्य मंत्री संजय शर्मा मौजूद रहे.
इंडियन गैस एजेंसी गोदाम के पास जुबेर खान के निजी फार्म हाउस पर उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया, जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, करौली सांसद भजनलाल जाटव, भरतपुर सांसद संजना जाटव, पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत, पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव, पूर्व तिजारा विधायक संदीप यादव, प्रदेश कांग्रेस सचिव बलराम यादव समेत कांग्रेस व भाजपा के दिग्गज नेता मौजूद रहे. जुबेर खान के बेटे आदिल खान और आर्यन खान ने पिता को सुपुर्द-ए-खाक किया गया.
जुबेर खान की अंतिम यात्रा में हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों के कांग्रेस के दिग्गज नेता शामिल हुए थे. वहीं, अंतिम विदाई की व्यवस्था करने के लिए एडिशनल एसपी तेज सिंह भारी पुलिस बल के साथ अंतिम यात्रा में शामिल हुए. इस मौके पर भाजपा नेता जय आहूजा, जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर,नगर निगम मेयर घनश्याम गुर्जर, प्रधान नसरू खान, जयसिंह जाटव, तमाम नेता व पार्टी के पदाधिकारी मौजूद रहे.
डेढ़ साल पहले हुआ था लिवर ट्रांसप्लांट :लंबी बीमारी के बाद अलवर के रामगढ़ से कांग्रेस के विधायक जुबेर खान का निधन हो गया है. शनिवार सुबह 5:50 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली. जुबेर खान का डेढ़ साल पहले लिवर ट्रांसप्लांट हुआ था. 15 दिन पहले मेडिकल मुआयने के बाद डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताई थी. खान के निधन से प्रदेश कांग्रेस में शोक की लहर है. उन्होंने चार बार मेवात की रामगढ़ सीट से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था. गौरतलब है कि लंबे समय से जुबेर खान बीमार चल रहे थे. उनके जाने से मेवात में कांग्रेस के एक युग का खत्म हो गया. उनके पैतृक गांव अलवर के पास उमरेड के नजदीक था. उन्हें शनिवार शाम रामगढ़ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
पत्नी ने की सोशल मीडिया पोस्ट :जुबेर खान की पत्नी और पूर्व विधायक सफिया जुबेर खान ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी. सफिया खान ने अपने एक्स अकाउंट पर इस बारे में लिखते हुए दुखद सूचना दी. वे लगातार जुबेर खान की सेहत के बारे में इसी अकाउंट के जरिए जानकारी दे रहीं थीं. बता दें कि कांग्रेस के जाने-माने अल्पसंख्यक चेहरे के रूप में जुबेर खान की पहचान रही है. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस से लेकर एआईसीसी तक विभिन्न पदों पर काम करते हुए पार्टी का प्रतिनिधित्व किया था. उन्हें प्रियंका गांधी के काफी करीब माना जाता था.
अलवर जिले के उमरैण के पास माचड़ी में एक अगस्त 1962 को जन्मे जुबेर खान AICC सचिव और यूपी कांग्रेस के प्रभारी थे. रामगढ़ विधायक खान कांग्रेस के मजबूत चेहरों में शुमार रहे थे. खान एआईसीसी के सचिव रहने के साथ-साथ प्रियंका गांधी के सात उत्तर प्रदेश में भी जिम्मेदारी संभाल चुके थे. जुबेर खान के पिता बाग सिंह अलवर ग्रामीण में सिलीसेढ़ के पास माचड़ी गांव के रहने वाले थे. वो भी 38 साल सरपंच रहे थे. जामिया मिलिया में पढ़े जुबेर दो बार कॉलेज अध्यक्ष चुने गए थे. वे NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर भी रहे. जुबेर अलवर के रामगढ़ से चार बार के विधायक रहे थे. जुबेर खान 1990 में देश के सबसे युवा विधायक बने थे. 1993, 2003 और 2023 में भी विधायक चुने गए. साल 2003 और 2008 में वे कांग्रेस के चीफ व्हीप रहे. लोकसभा में 2003 से 2008 तक वह मुख्य सचेतक रहे. वे पीसीसी महासचिव रहने के साथ ही जयपुर और भरतपुर जिला प्रभारी भी रहे थे. जुबेर खान की पत्नी साफिया जुबेर भी रामगढ़ से विधायक और इससे पहले जिला प्रमुख रह चुकी हैं. जुबेर खान 6 भाई हैं. वे अलवर शहर के ढाई पेडी में खुद के मकान में परिवार सहित रहते थे.