रांची/साहिबगंज: तस्वीर में चेक शर्ट पहने झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के साथ खड़े बुजुर्ग शख्स का नाम है खलील. इनकी उम्र 92 साल है. दिव्यांग हैं. एक हाथ में लोटा और दूसरे हाथ में सहारे की लाठी इनकी बेचारगी बता रही है. इनको वोट की ताकत तो मालूम है लेकिन आजतक अपने इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाए क्योंकि आजतक इनका नाम वोटिंग लिस्ट में चढ़ा ही नहीं.
साहिबगंज जिला के दुर्गम क्षेत्र में शुमार मंडरो में पोलिंग बूथ का औचक निरीक्षण करने गये मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अचानक बड़खोरी गांव पहुंच गये. जब ग्रामीणों से बात करने के लिए रुके तो खलील अंसारी का दर्द सामने आ गया. उन्हें हैरानी हुई कि आजतक वोटिंग लिस्ट में खलील अंसारी का नाम नहीं चढ़ पाया है.
बुजुर्ग खलील ने बताया कि वे बिहार के पूर्णिया जिले में रहते थे, लेकिन अब बड़खोरी में रह रहे हैं. मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण कभी भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए हैं. इसपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने खलील अंसारी का नाम मतदाता सूची में जोड़ने की प्रक्रिया तत्काल पूरी करने का निर्देश दिया. उन्होंने गांव के दूसरे वरिष्ठ मतदाताओं से मिलकर उनके लिए मतदान केन्द्र पर उपलब्ध न्यूनतम सुविधा और अन्य व्यवस्थाओं के बारे में पूछा.
सीईओ ने मतदान केंद्रों का किया औचक निरीक्षण
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने उत्क्रमित उच्च विद्यालय, आमझोर दक्षिण, मंडरो के मतदान केंद्र संख्या- 4, उत्क्रमित उच्च विद्यालय, बड़खोरी प्रधान टोला मंडरो के मतदान केंद्र संख्या- 9, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, रानीडीह के मतदान केन्द्र संख्या -13 और उत्क्रमित मध्य विद्यालय, मोती लक्ष्मी, मंडरो के मतदान केन्द्र संख्या -10 का औचक निरीक्षण किया. इन मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए उन्हें एक किलोमीटर से अधिक पैदल चलना पड़ा. वह खुद ग्रामीणों के पास गये और सभी को मतदान की अहमियत बताई.
मतदान केंद्रों पर सुविधा सुनिश्चित कराने का निर्देश