नई दिल्ली: यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में भारतीयों को रूसी सेना में शामिल होने के लिए गलत तरीके से प्रेरित करने की खबरों के बीच, विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत और रूस दोनों उन्हें जल्द से जल्द मुक्त कराने के लिए काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं 50 भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना से मुक्त कराने में मदद के लिए सरकार से संपर्क किया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नई दिल्ली में साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, "हमें लगभग 50 भारतीय नागरिकों के बारे में जानकारी है, जो वर्तमान में रूसी सशस्त्र बलों में अपनी नौकरी समाप्त करना चाहते हैं. ये ऐसे मामले हैं, जहां व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्यों ने उनकी शीघ्र छुट्टी सुनिश्चित करने में सहायता के लिए हमसे संपर्क किया है."
विभिन्न स्तरों पर इस मामले को उठाया
जायसवाल ने कहा, "हमने विभिन्न स्तरों पर इस मामले को उठाया है. प्रधानमंत्री ने हाल ही में रूस की अपनी यात्रा के दौरान भी इस मामले को उठाया था. रूसी पक्ष ने हमारे अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. दोनों पक्ष भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई के लिए काम कर रहे हैं."
उन्होंने कहा कि इस महीने अपनी मॉस्को यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के समक्ष व्यक्तिगत रूप से यह मामला उठाया था, जिसके बाद रूस ने उन भारतीयों को निकालने का वादा किया था, जिन्हें गलत तरीके से रूसी सेना में भर्ती किया गया है.