लखनौ - काँग्रेस सचिव प्रियांका गांधी वाड्रा यांनी उत्तर प्रदेशमधील ६९ हजार शिक्षकांच्या नियुक्तीसंदर्भातील प्रकरणाची तुलना ही मध्य प्रदेशच्या व्यापम घोटाळ्याशी केली आहे. त्यांनी सोमवारी ट्विट करत उत्तर प्रदेशमधील ६९ हजार शिक्षकांची नियुक्ती या राज्यातील व्यापम घोटाळा आहे असे म्हटले आहे.
प्रियांका गांधी यांनी त्यांच्या ट्विटरवरुन ट्विट करत उत्तर प्रदेश सरकारच्या शिक्षण भरती प्रक्रियची निंदा केली आहे. त्यांनी ६९ हजार शिक्षकांची भरती प्रक्रिया ही मध्य प्रदेशच्या व्यापम घोटाळ्यासारखी असल्याचे ट्विट केले आहे. या प्रकरणात झालेल्या गडीबडीतील तथ्य सामान्य नाहीत. डायरीमध्ये असलेले विद्यार्थ्यांचे नाव, पैशांची देवाणघेवाण, परीक्षा केंद्रामध्ये होणारी हेराफेरी या सर्व बाबींचा रॅकेटमध्ये असलेला समावेश यातूनच या प्रकरणातील जाळे किती जागी पसरले आहे ते दर्शवते असे त्या म्हणाल्या. मात्र, याचा परिणाम परिश्रम करणाऱ्या विद्यार्थ्यांवर व्हायला नको. सरकार जर न्याय करु शकली नाही तर, आंदोलन करून या सर्वांना प्रत्युत्तर देण्यात येईल, असे त्या म्हणाल्या.
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68500 भर्ती मामले में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। युवाओं के आवाज उठाने के बाद पुनर्मूल्यांकन में लगभग 5000 अभ्यर्थी पास हुए थे। अब 69000 में भी भारी हेरफेर सामने आई है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 8, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
सरकार को युवाओं की आवाज को भर्ती प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार खत्म करने की माँग के बतौर देखना चाहिए।
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 8, 2020
सरकार को युवाओं की आवाज को भर्ती प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार खत्म करने की माँग के बतौर देखना चाहिए।68500 भर्ती मामले में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। युवाओं के आवाज उठाने के बाद पुनर्मूल्यांकन में लगभग 5000 अभ्यर्थी पास हुए थे। अब 69000 में भी भारी हेरफेर सामने आई है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 8, 2020
सरकार को युवाओं की आवाज को भर्ती प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार खत्म करने की माँग के बतौर देखना चाहिए।
दरम्यान, इलाहाबाद उच्च न्यायालयात न्यायमूर्ती आलोक माथुर यांच्या खंडपीठाने जून रोजी राज्यातील ६९ हजार बेसिक शिक्षक नियुक्तीबाबतच्या प्रक्रियेवर स्थगिती दिली होती. याची परीक्षा ही, ६ जानेवारी २०१९ रोजी घेण्यात आली होता ज्याचा निकाल हा १२ मे रोजी लागला. मात्र, परिक्षेदरम्यान प्रश्नपत्रिकेच्या मूल्यमापनात काही त्रुटी आढळून आल्याचे म्हणत खंडपीठाने युजीसीकडून नव्याने चौकशी करण्याची आवश्यकता असल्याचे निदर्शनास आले असल्याचे कारण पुढे केले.
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..मेहनत करने वाले युवाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सरकार अगर न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा। 2/2
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यापूर्वी सर्वोच्च न्यायालयाने २१ मे रोजी राज्य सरकारला नियुक्तीसाठी स्वीकारली जाणारी प्रक्रिया एका तक्त्याच्या माध्यमातून स्पष्ट करण्यास सांगितले होते. या प्रकरणाची पुढील सुनावणी 6 जुलै रोजी ठेवून उत्तर प्रदेश सरकारला यापूर्वीचे निकष का बदलले हे स्पष्ट करण्यास सांगितले आहे. तसेच, सर्वसाधारण प्रवर्गासाठी 45 टक्के कट ऑफ गुण आणि राखीव प्रवर्गासाठी 40 टक्के गुणांचे प्रावधान आहे. तर, दुसरीकडे यूपी सरकारने उच्च न्यायालयाच्या आदेशाला आव्हान दिले आहे.
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69000 शिक्षक भर्ती घोटाला उप्र का व्यापम घोटाला है। इस मामले में गड़बड़ी के तथ्य सामान्य नहीं हैं। डायरियों में स्टूडेंट्स के नाम, पैसे का लेनदेन, परीक्षा केंद्रों में बड़ी हेरफेर, इन गड़बड़ियों में रैकेट का शामिल होना - ये सब दर्शाता है कि इसके तार काफी जगहों पर जुड़े हैं। 1/2
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