रोजगार और परिवार की जरुरतों ने बनाया 'परदेशी', अकाल मौत ने छीनी खुशियां - दुबई से भारत लाया गया कमलेश का शव
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उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले में पड़ने वाले सेमवाल गांव के एक बेहद गरीब परिवार का एक बेटा अच्छी जिंदगी और रोजगार की तलाश में इतना दूर निकल गया कि उसके अंतिम दर्शन तक के लिए भी उसके परिजनों को लंबा इंतजार करना पड़ा. ये कहानी है कमलेश भट्ट की. उम्र मात्र 23 साल. परिवार के आर्थिक हालात को ठीक करने और कुछ बड़े सपनों को पूरा करने के मकसद के साथ कमलेश दूर देश संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी नौकरी करने गया था. लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.