मसूरी में मंगसीर बग्वाल त्योहार की धूम, ढोल-दमाऊ की थाप पर ग्रामीणों ने मनाया जश्न - MANGSIR BAGWAL IN SAINJI VILLAGE
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By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Dec 1, 2024, 6:54 PM IST
मसूरीः कार्तिक मास की दीपावली से एक माह बाद मनाया जाने वाला मंगसीर बग्वाल मसूरी के पास सैंजी गांव में तिब्बत विजय के प्रतीक के रूप में मनाया गया. मंगसीर की बग्वाल गढ़वाली सेना की तिब्बत विजय का उत्सव है. इस त्योहार पर घर में दाल के पकोड़े, आलू और गहथ की भरी पूरियां बनाई गई. साथ ही ग्रामीणों ने गांव की थाती पर एकत्र होकर एक साथ भैलो (लकड़ी के छिलकों से बनाया हुआ मशाल) जलाकर देर रात तक ढोल-दमाऊ की थाप पर नृत्य कर एक-दूसरे के घर में पकवानों से भरी थालियां भेंट की.
स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि वर्ष 1627-28 के बीच गढ़वाल नरेश महिपत शाह के शासनकाल के दौरान तिब्बती लुटेरे गढ़वाल की सीमाओं के अंदर घुसकर लूटपाट करते थे. इस पर राजा ने माधो सिंह भंडारी व लोदी रिखोला के नेतृत्व में चमोली के पैनखंडा और उत्तरकाशी के टकनौर क्षेत्र से सेना भेजी थी. गढ़वाली सेना विजय पताका फहराते हुए दावा घाट (तिब्बत) तक पहुंच गई थी. तिब्बत लुटेरों से लड़ाई के कारण कार्तिक मास की दीपावली में माधो सिंह भंडारी घर नहीं पहुंच पाए. इसलिए उन्होंने घर में संदेश पहुंचाया था कि जब वह जीतकर लौटेंगे, तब दीपावली मनाई जाएगी. युद्ध के मध्य में ही एक माह पश्चात माधो सिंह अपने गांव मलेथा पहुंचे. तब उत्सव पूर्वक दीपावली मनाई गई.
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