तिरुवनंतपुरम: केरल के मलप्पुरम स्थित मंदिरों में घुसकर तेल और घी खा कर गायब हो जाने वाले भालू को आखिरकार पकड़ा लिया गया है. पूकोट्टम्पदम और थेलप्रा में स्थानीय लोगों के लिए लगातार परेशानी का सबब बना भालू बुधवार रात करीब 1 बजे कोम्बंकल्लू चिरम्मल मंदिर के परिसर में वन विभाग द्वारा लगाए गए जाल में फंस गया.
पिछले डेढ़ साल से भालू कवलमुक्कू, ओलुरवट्टम, कोम्पांकल्लू और टीके कॉलोनी के इलाकों में दहशत फैला रहा था. इसने किसानों द्वारा लगाए गए कई मधुमक्खियों के छत्तों को नष्ट कर दिया था और शहद खा लिया था. इसके अलावा यह अक्सर कई राहगीरों के सामने भी आ जाता था. इसके बाद स्थानीय लोगों ने अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया और मांग की कि इलाके में जान-माल के लिए खतरा बन चुके भालू को जाल लगाकर पकड़ा जाए.
ट्रैप में फंसा भालू
नीलांबुर दक्षिण DFO की सबमिट रिपोर्ट के आधार पर मुख्य वन संरक्षक ने भालू को पकड़ने की अनुमति दी. इसके बाद मंदिर के प्रांगण में जाल लगाया गया. बुधवार को लगभग 12 बजकर 45 मिनट पर स्थानीय लोगों ने ट्रैप डोर के बंद होने की आवाज सुनी और पाया कि भालू अंदर फंसा हुआ है. उन्होंने तुरंत वन अधिकारियों को इसकी सूचना दी.
वन स्टेशन क्षेत्र में शिफ्ट हुआ भालू
सूचना मिलते ही नीलांबुर दक्षिण डीएफओ जी दानिक लाल, कलिकावु रेंज अधिकारी पी राजीव, वन पशु चिकित्सक डॉ एस श्याम, चक्कीकुझी डिप्टी रेंज अधिकारी अभिलाष और पूकोट्टमपदम एसआई सतीश कुमार के नेतृत्व में एक टीम घटनास्थल पर पहुंची. इसके बाद भालू को सुबह 4 बजे कोम्पांकल्लू से नेदुंगयम वन स्टेशन क्षेत्र में शिफ्ट कर दिया गया.
'जंगल में छोड़ा जाएगा भालू'
डीएफओ दानिक लाल ने कहा कि भालू की स्वास्थ्य की निगरानी के बाद उसे घने जंगल में छोड़ दिया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि भालू के पकड़े जाने से लोगों का डर कम हो गया है. जब उनसे इलाके में अन्य भालुओं की मौजूदगी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन नहीं है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए जांच की जाएगी.
वन विभाग के कर्मचारियों को धन्यवाद
भालू के पकड़े जाने के बाद वार्ड मेंबर वीके बालासुब्रमण्यम ने राहत की सांस ली और कहा कि इससे लोगों का डर कुछ हद तक कम हुआ है. उन्होंने वन विभाग के कर्मचारियों को धन्यवाद दिया जिन्होंने भालू को पकड़ने के लिए महीनों तक कड़ी मेहनत की.
बालासुब्रमण्यम ने कहा कि अधिकांश दिनों में मंदिर के दरवाजे खुले पाए जाते थे और ऐसा होना आम बात थी. तेल और घी कौन चुरा रहा है, इसकी कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि शुरू में संदेह था कि इसके पीछे असामाजिक तत्वों का हाथ है. बाद में पता चला कि 'चोर' वास्तव में एक भालू था.