जोशीमठ के लिए अहम है सैटेलाइट टाउन मॉडल, जानें कैसे होगी प्लानिंग

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 27, 2023, 10:10 PM IST

Updated : Aug 27, 2023, 10:22 PM IST

2 जनवरी 2023 से जोशीमठ में भू धंसाव की घटनाएं बढ़ने लगी थी. जोशीमठ में दरारों की दहशत का आलम ये था कि लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए. जोशीमठ के बाद उत्तराखंड के दूसरे शहरों जैसे नैनीताल, मसूरी, पिथौरागढ़ में भी भू धंसाव की घटनाओं ने सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी, जिसके बाद इस परेशानी से निपटने के लिए रास्ते खोजे जाने लगे, जिसका हल सैटेलाइट टाउन मॉडल के रूप में सामने आया है.सैटेलाइट टाउन मॉडल के जरिए भूं- धंसाव और लैंडस्लाइड की घटनाओं को रोका जा सकता है. इस मॉडल के जरिए सैटेलाइट के माध्यम से सुरक्षित जगह चिह्ननित की जाती है. जहां पर  छोटे-छोटे टाउन बनाये जाते हैं. जिसमें डिस्टेंस मेंटेन कर विकास किया जाता है. इसमें डिस्टेंस मेंटेन करने का  कॉन्सेप्ट आपदा की घटना में नुकसान को कम करने के लिए किया जाता है. इसके साथ ही इसमें  भूमि की भार क्षमता का भी ध्यान रखा जाता है, जिससे भविष्य में लैंडस्लाइड की घटनाओं से बचा जा सके. 

Last Updated : Aug 27, 2023, 10:22 PM IST

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