विश्व प्रसिद्ध नंदा लोकजात यात्रा का बेराधार में भव्य स्वागत, 22 सितंबर को पहुंचेगी वेदनी - थराली की खबरें
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By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Sep 18, 2023, 7:04 PM IST
बीती 9 सितंबर को सिद्धपीठ कुरुड़ मंदिर से मां नंदा देवी की डोली नंदा लोकजात यात्रा के तहत हिमालय के लिए रवाना हो चुकी है. जो विभिन्न पड़ावों से होकर गुजर रही है. जो बेराधार से अटठू होते हुए इच्छोली और फल्दिया गांव के लिए रवाना हो गई है. इससे पहले बेराधार पहुंचने पर ग्रामीणों ने जयकारों के साथ मां नंदा की डोली और यात्रा का भव्य स्वागत किया. इस दौरान माहौल पूरा भक्तिमय हो गया. इसके बाद नंदा लोकजात यात्रा आगे बढ़ गई.
आज डोली रात्रि विश्राम के लिए फल्दिया गांव पहुंचेगी. जबकि, 22 सितंबर को नंदा सप्तमी के दिन राजराजेश्वरी नंदा देवी की उत्सव डोली वेदनी बुग्याल पहुंचेगी. जहां नंदा अवतरण और देवी की पूजा की जाएगी. इसके बाद वापसी में भी विभिन्न पड़ावों से नंदा राजराजेश्वरी की डोली देवराड़ा पहुंचेगी. देवराड़ा को मां नंदा का ननिहाल कहा जाता है. जहां देवी 6 महीने के लिए विराजमान होती है.
नंदा देवी राजजात यात्रा और नंदा लोकजात यात्रा में अंतर जानिएः बता दें कि यह नंदा लोकजात यात्रा है. जो हर साल आयोजित होती है. जबकि, हर 12 साल के अंतराल पर कुरुड़ मंदिर से ही नंदा देवी राजजात यात्रा का आयोजन होता है. जिसमें चौसिंगा खाडू का काफी महत्व होता है. बता दें कि नंदा धाम कुरुड़ मां नंदा का मायका माना जाता है. जहां नंदा देवी का प्राचीन मंदिर और मां दुर्गा की पत्थर की स्वयंभू शिला मूर्ति मौजूद है.