उत्तरकाशी: कोरोना काल (corona period) में आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहे होटल व्यवसायियों ने चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) शुरू ना करने को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं. कारोबारियों का कहना है कि जब पर्यटक मसूरी, नैनीताल और हरिद्वार आ सकते हैं, तो चारधाम यात्रा पर रोक (Chardham Yatra postponed) क्यों ? चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर कारोबारियों ने जनपद मुख्यालय के हनुमान चौक पर धरना-प्रदर्शन किया.
उत्तरकाशी जिला होटल एसोसिएशन (Uttarkashi District Hotel Association) के कारोबारियों का कहना है कि एक प्रदेश में राज्य सरकार दो मानकों पर कार्य कर रही है. अगर नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने चारधाम यात्रा पर रोक लगाई है, तो यह राज्य सरकार का फेल्योर (failure of government) है. क्योंकि सरकार की ओर से कोर्ट में ठोस पैरवी नहीं की जा रही है. इस कारण चारधाम यात्रा से जुड़े होटल और अन्य व्यवसायियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
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जिला होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र मटूड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण चारधाम यात्रा शुरू नहीं हो पा रही है. सरकार न्यायालय के सामने मजबूत पक्ष नहीं रख पाई है. इसलिए उच्च न्यायालय बार-बार यात्रा पर रोक लगा रहा है. प्रदेश सरकार को चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए ठोस पैरवी करनी चाहिए.
होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि मसूरी, नैनीताल और हरिद्वार में हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक और यात्री पहुंच रहे हैं. इसी तर्ज पर चारधाम यात्रा को भी खोल देना चाहिए. अगर प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा को लेकर सकारात्मक रवैया नहीं अपनाती है तो संकट से जूझ रहे व्यापारी उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.