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उत्तरकाशी की सविता कंसवाल ने 'माउंट ल्होत्से' किया फतह

बुधवार को निम में अस्थाई इंस्ट्रक्टर पद पर तैनात उत्तरकाशी की सविता कंसवाल ने माउंट ल्होत्से चोटी को फतह किया. सविता की इस सफलता पर माता-पिता काफी खुशी हैं.

Uttarkashi
उत्तरकाशी
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Published : Jun 2, 2021, 10:08 PM IST

उत्तरकाशी: बुधवार सुबह निम में अस्थाई इंस्ट्रक्टर पद पर तैनात उत्तरकाशी के लॉन्थरू गांव की सविता कंसवाल ने माउंट ल्होत्से चोटी को फतह किया. सविता कंसवाल ने एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत अपनी टीम के साथ विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से ( 8516 मीटर) पर सफल आरोहण किया. वहीं चार बेटियों में से सबसे छोटी बेटी सविता कंसवाल की इस सफलता पर माता-पिता काफी खुशी हैं.

उत्तरकाशी की सविता कंसवाल ने विश्व की चौथी ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से फतह

युवा कल्याण एंव खेल मंत्रालय की ओर से वित्त पोषित और इंडियन माउंटेन रिंग फाउंडेशन के सहयोग से 12 पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत माउंट एवरेस्ट की चार चोटियों के आरोहण के लिए 1 अप्रैल को अभियान शुरू किया था. इस अभियान के एक दल ने बीती मंगलवार सुबह विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह की. जिसमें पिथौरागढ़ के मनीष कसनियाल भी शामिल थे. वहीं बुधवार सुबह सविता कंसवाल ने अपने साथियों के साथ एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत माउंट ल्होत्से पर फतह हासिल की.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के मनीष ने एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा

बता दें कि पर्वतारोही सविता कंसवाल उत्तरकाशी के लॉन्थरू गांव के एक सामान्य परिवार से आती हैं. सविता के पिता राधेश्याम कंसवाल एक किसान हैं. मां कमलेश्वरी देवी गृहणी हैं. वहीं सविता चार बहनों में सबसे छोटी है. सविता ने अपने हौसले के बल पर एवरेस्ट मैसिफ अभियान के अंतिम 12 में अपनी जगह बनाई.

माउंट एवरेस्ट फतह न करने का मलाल

सविता ने कहा कि इस साल माउंट एवरेस्ट फतह न करने का मलाल रह गया. अगले साल वह माउंट एवरेस्ट फतह करने का लिए प्रयास करेंगी. बता दें कि बीती मंगलवार को निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट सहित दो अन्य लोगों ने एवरेस्ट फतह कर कीर्तिमान बनाया था.

उत्तरकाशी: बुधवार सुबह निम में अस्थाई इंस्ट्रक्टर पद पर तैनात उत्तरकाशी के लॉन्थरू गांव की सविता कंसवाल ने माउंट ल्होत्से चोटी को फतह किया. सविता कंसवाल ने एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत अपनी टीम के साथ विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से ( 8516 मीटर) पर सफल आरोहण किया. वहीं चार बेटियों में से सबसे छोटी बेटी सविता कंसवाल की इस सफलता पर माता-पिता काफी खुशी हैं.

उत्तरकाशी की सविता कंसवाल ने विश्व की चौथी ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से फतह

युवा कल्याण एंव खेल मंत्रालय की ओर से वित्त पोषित और इंडियन माउंटेन रिंग फाउंडेशन के सहयोग से 12 पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत माउंट एवरेस्ट की चार चोटियों के आरोहण के लिए 1 अप्रैल को अभियान शुरू किया था. इस अभियान के एक दल ने बीती मंगलवार सुबह विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह की. जिसमें पिथौरागढ़ के मनीष कसनियाल भी शामिल थे. वहीं बुधवार सुबह सविता कंसवाल ने अपने साथियों के साथ एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत माउंट ल्होत्से पर फतह हासिल की.

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बता दें कि पर्वतारोही सविता कंसवाल उत्तरकाशी के लॉन्थरू गांव के एक सामान्य परिवार से आती हैं. सविता के पिता राधेश्याम कंसवाल एक किसान हैं. मां कमलेश्वरी देवी गृहणी हैं. वहीं सविता चार बहनों में सबसे छोटी है. सविता ने अपने हौसले के बल पर एवरेस्ट मैसिफ अभियान के अंतिम 12 में अपनी जगह बनाई.

माउंट एवरेस्ट फतह न करने का मलाल

सविता ने कहा कि इस साल माउंट एवरेस्ट फतह न करने का मलाल रह गया. अगले साल वह माउंट एवरेस्ट फतह करने का लिए प्रयास करेंगी. बता दें कि बीती मंगलवार को निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट सहित दो अन्य लोगों ने एवरेस्ट फतह कर कीर्तिमान बनाया था.

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