उत्तरकाशी: पिछले दो वर्षों से देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board) का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने अब सीएम से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (Tourism Minister Satpal Maharaj) को मंत्री पद से हटाए जाने की मांग की है. पुरोहितों का कहना है कि पर्यटन मंत्री ने देवस्थानम बोर्ड के समर्थन में बयान देकर सनातन धर्म का विरोध किया है. इस दौरान बदरीनाथ और गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने मंत्री का पुतला भी फूंका.
तीर्थ पुरोहितों ने सतपाल महाराज के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गंगोत्री धाम और मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा में मंत्री का पुतला दहन किया. तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा पर्यटन मंत्री के खिलाफ गुस्सा गंगोत्री धाम से मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा तक दिखा. गंगोत्री धाम मंदिर समिति (Gangotri Dham Temple Committee) के सचिव दीपक सेमवाल, तीर्थ पुरोहित सुधांशू सेमवाल और सह सचिव राजेश सेमवाल का कहना है कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने देवस्थानम बोर्ड के समर्थन में बयान देते हुए कहा कि बोर्ड को यथावत रहने देंगे, जिसका हम विरोध करते हैं.
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पुरोहितों का कहना है कि एक तरफ मुख्यमंत्री देवस्थानम बोर्ड से चारो धामों और 51 मंदिरों को हटाने और पुनर्विचार की घोषणा कर रहे हैं. वहीं, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज देवस्थानम बोर्ड के समर्थन में बयान देकर सनातन धर्म की परंपराओं का विरोध कर रहे हैं. गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने सीएम तीरथ रावत से सतपाल महाराज को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का विरोध करने वाले के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.
देवस्थानम बोर्ड पर सतपाल महाराज का बयान
मंत्री सतपाल महाराज ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल सरकार उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर विचार नहीं करेगी. मंत्री ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड (devasthanam board) में शामिल 51 मंदिरों को लेकर लोगों में काफी भ्रम की स्थिति है. बोर्ड में 51 मंदिरों को नहीं बल्कि मुख्य रूप से 4 मंदिरों को शामिल किया गया है. इन चार मुख्य मंदिरों के नीचे ही जो मंदिर शामिल हैं, उन सभी मंदिर को मिलाकर 51 मंदिर हो जाते हैं. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भी यही भ्रम था.
उन्होंने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से (tirath singh rawat) बातकर उन्हें सही जानकारी दी गई और समझाया गया कि देवस्थानम बोर्ड के अंतर्गत मुख्य रूप से चार मंदिर ही हैं. केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के जो समूह हैं उसके अंदर ही ये सभी मंदिर पहले से ही शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का कार्य चारधाम की व्यवस्थाओं को मुकम्मल करना है, ताकि चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके. सतपाल महाराज ने कहा कि लोगों में भ्रम की स्थिति है, जिसे दूर करने की जरूरत है. लेकिन यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार अब देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं करेगी.
बदरीनाथ धाम पुरोहितों का विरोध
बदरीनाथ धाम में ब्रह्मकपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति के अध्यक्ष उमेश सती के नेतृत्व में पुरोहितों ने भी मंत्री सतपाल महाराज का पुतला दहन किया गया. बता दें कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने सरकार द्वारा देवस्थानम एक्ट वापस न लिए जाने को लेकर बयान दिया था. इस बयान से चारों धामों के तीर्थ पुरोहित नाराज हैं. जिसके चलते चारों धामों के पुरोहित सतपाल महाराज का पुतला दहन कर रहे हैं. ब्रह्मकपाल तीर्थ पुरोहित संघ ने यह निर्णय लिया है कि अगर सरकार इस देवस्थानम बोर्ड को जल्द भंग नहीं करती है तो 21 जून को ब्रह्मा कपाल संघ काली पट्टी बांधकर सरकार का पिंडदान करेगी.