उत्तरकाशी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का संदेश दे रहे हैं. लेकिन अधिकारी प्रधानमंत्री की मंशा से इत्तेफाक नहीं रखते. ऐसा ही कुछ नजारा उत्तरकाशी के डुंडा में देखने को मिला. छात्रा बड़ी तैयारी से छात्रवृत्ति की परीक्षा देने गई थी लेकिन वहां तो माजरा कुछ और ही हो चुका था.
दरअसल शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही से डुंडा विकासखंड की एक होनहार छात्रा छात्रवृत्ति की परीक्षा देने से वंचित हो गई. अपूर्वा राणा नाम की ये छात्रा अपने घर से 40 किलोमीटर दूर छात्रवृत्ति की परीक्षा देने गई. जब वो केंद्र पर पहुंची तो वहां पता चला कि अपूर्वा वाले रोल नंबर पर ही एक दूसरी छात्रा परीक्षा दे रही है. इस कारण अपूर्वा को बिना छात्रवृत्ति की परीक्षा दिए निराश होकर लौटना पड़ा.
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अपूर्वा राणा निसमोर निवासी रमेश सिंह राणा की बेटी है. अपूर्वा राजकीय इंटर कॉलेज कवां एट हाली में कक्षा 10 वीं में पढ़ती है. उसे शिक्षा विभाग की योजना के अंतर्गत विद्यालय से छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र दिया गया. इस योजना के तहत होनहार छात्राओं को परीक्षा देने के बाद उनकी पढ़ाई के लिए कुछ धनराशि दी जाती है. जिससे उन्हें आगे की पढ़ाई में मदद मिलती है.
कक्षा 8 और 9 वीं में प्रथम और द्वितीय स्थान पाने वाली अपूर्वा राणा जब घर से 40 किमी दूर डुंडा परीक्षा केंद्र पहुंची तो वहां पर पता लगा कि उनके प्रवेश पत्र पर अंकित अनुक्रमांक से पहले ही एक अन्य छात्रा भी परीक्षा दे रही थी. इस कारण छात्रा अपूर्वा राणा को निराश होकर बिना परीक्षा दिए लौटना पड़ा.