काशीपुर: फाल्गुन महीने में होने वाले होली में जहां सभी लोग रंग और गुलाल से होली खेलते नजर आते हैं. वहीं, उत्तराखंड के काशीपुर में कई सालों से फूलों की होली खेलने का प्रचलन है. होली से एक दिन पूर्व शहर में फूलों की होली की खेली जाती है और शोभायात्रा भी निकाली जाती है. पिछले 10 सालों से काशीपुर में फूलों की होली मनाई जा रही है. वहीं, इसके अलावा शहर में महिलाएं बैठकी होली भी मना रही है.
काशीपुर की सड़कों पर होली की मस्ती में नाचते गाते शहरवासियों ने 10 साल पहले जिस नयी परंपरा को जन्म दिया था, उसी को निभाते हुए आज फूलों की होली खेलते नजर आ रहे हैं. राधा कृष्ण कमेटी की तरफ से पुरानी सब्जी मंडी के पास राधा कृष्ण मंदिर में फूलों की होली खेली गई और शोभायात्रा निकाली भी गयी, जिसका आगाज गंगे बाबा मंदिर से हुआ और किला बाजार, पुरानी सब्जी मंडी, मुख्य बाजार, नगर निगम रोड, कोतवाली रोड, महाराणा प्रताप चौराहा, जेल रोड माता मंदिर रोड से होते हुए शाम को गंगे बाबा मंदिर पर आकर शोभायात्रा समाप्त हुई. इस शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण राधा कृष्ण रहे. जिन्होंने ग्लावों के साथ जमकर फूलों की होली खेली और नृत्य किया.
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होली में एक दिन ही शेष बचा है. ऐसे में हर तरफ लोग रंगों में सराबोर हैं. होली का खुमार अपने पूरे शबाब पर है. लोगों पर होली का खुमार चढ़ने लगा है. काशीपुर में इसका रंग देखने को मिल रहा है. शहर में जगह जगह बैठकी होली के साथ साथ खड़ी होली का खुमार भी होल्यारों के सर चढ़कर बोलने लगा है.
काशीपुर में लोग बैठकी होली और इसके बाद खड़ी होली बड़े धूमधाम से मना रहे हैं. घरों में भी लोगों में बैठकी होली की खुमारी चढ़ी हुई है. क्या पुरुष और क्या महिला सब होली की रंग में सराबोर हैं. बैठकी होली में होल्यारों ने हारमोनियम की धुन और ढोलक की थाप पर होली के गीत गाए. बैठकी होली बसंत पंचमी से शुरू होती है. जबकि एकादशी के बाद खड़ी होली मनाई जाती है. शिवरात्रि के बाद शुरू होने वाली बैठकी होली में राग पीलू समेत राग भैरवी आदि शैली में होली गीत गायी जाती है. वहीं, होलिका दहन के दिन बैठकी होली में महिलाएं जमकर थिरकीं.