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वन्य जीवों के प्रजनन के चलते वन विभाग ने जारी की एडवाइजरी, जंगल में जाने पर लगाई रोक - वन्य जीवों के प्रजनन

एक माह से तराई क्षेत्रों में मानव और वन्य जीव के संघर्ष के मामले काफी बढ़ गए हैं. जिस पर रोक लगाने के लिए खटीमा वन विभाग ने एक योजना तैयार कर एडवाइजरी जारी की है.

खटीमा वन विभाग ने जारी एडवाइजरी
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Published : Aug 1, 2019, 3:14 PM IST

Updated : Aug 1, 2019, 7:42 PM IST

खटीमा: प्रजनन काल के चलते बढ़ रहे मानव और वन्य जीव संघर्ष पर रोक लगाने के लिए वन विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. वहीं, आम जनता को बिना आवश्यक कार्य के जंगल जाने पर रोक लगा दी है. साथ ही जंगल से सटे आबादी क्षेत्रों में मुनादी कराकर बिना आवश्यक कार्य के जंगल में न जाने की सलाह दी है.

प्रदेश का 67 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित है, जिस कारण वन्यजीवों के लिए ये राज्य काफी उपयुक्त है. विगत एक माह से तराई क्षेत्रों में मानव और वन्य जीव के संघर्ष के मामले काफी बढ़ गए हैं. जिस पर रोक लगाने के लिए वन विभाग ने एक योजना तैयार कर एडवाइजरी जारी की है.

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बारिश के मौसम में वन्य जीव, जंगली जानवर जैसे-टाइगर, लेपर्ड और भालू आदि का प्रजनन काल का समय होता है. प्रजनन काल में ये जंगली जानवर एकांत चाहते हैं और उत्तेजित होने के कारण काफी हिंसक हो जाते हैं, जिस कारण इन दिनों मैदानी क्षेत्रों में मानव और वन्यजीव संघर्ष के मामले बढ़ जाते हैं.

ये भी पढ़ें: देशराज कर्णवाल ने चैंपियन को जेल भेजने की दी धमकी, कहा- लड़ाई अब मैं करूंगा खत्म

प्रजनन काल के दौरान मानव और वन्यजीव संघर्ष के मामलों को कम करने के लिए वन विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है. साथ ही वन विभाग ने एक एडवाइजरी भी जारी कर वन विभाग ने आम जनता को बिना आवश्यक कार्य के जंगल जाने पर रोक लगा दी है. साथ ही जंगल से सटे आबादी क्षेत्रों में मुनादी करा दी गई है क्योंकि इस समय जंगली जानवर काफी हिंसक होते हैं.

खटीमा: प्रजनन काल के चलते बढ़ रहे मानव और वन्य जीव संघर्ष पर रोक लगाने के लिए वन विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. वहीं, आम जनता को बिना आवश्यक कार्य के जंगल जाने पर रोक लगा दी है. साथ ही जंगल से सटे आबादी क्षेत्रों में मुनादी कराकर बिना आवश्यक कार्य के जंगल में न जाने की सलाह दी है.

प्रदेश का 67 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित है, जिस कारण वन्यजीवों के लिए ये राज्य काफी उपयुक्त है. विगत एक माह से तराई क्षेत्रों में मानव और वन्य जीव के संघर्ष के मामले काफी बढ़ गए हैं. जिस पर रोक लगाने के लिए वन विभाग ने एक योजना तैयार कर एडवाइजरी जारी की है.

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बारिश के मौसम में वन्य जीव, जंगली जानवर जैसे-टाइगर, लेपर्ड और भालू आदि का प्रजनन काल का समय होता है. प्रजनन काल में ये जंगली जानवर एकांत चाहते हैं और उत्तेजित होने के कारण काफी हिंसक हो जाते हैं, जिस कारण इन दिनों मैदानी क्षेत्रों में मानव और वन्यजीव संघर्ष के मामले बढ़ जाते हैं.

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प्रजनन काल के दौरान मानव और वन्यजीव संघर्ष के मामलों को कम करने के लिए वन विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है. साथ ही वन विभाग ने एक एडवाइजरी भी जारी कर वन विभाग ने आम जनता को बिना आवश्यक कार्य के जंगल जाने पर रोक लगा दी है. साथ ही जंगल से सटे आबादी क्षेत्रों में मुनादी करा दी गई है क्योंकि इस समय जंगली जानवर काफी हिंसक होते हैं.

Intro:summary- प्रजननकाल के चलते बढ़ रहे मानव व वन्य जीव संघर्ष पर रोक लगाने के लिए वन विभाग ने जारी की एडवाइजरी। बिना आवश्यक कार्य के जंगल जाने पर लगाई रोक। आवश्यक कार्य पड़ने पर समूह मैं जंगल जाने की दी सलाह। एंकर- प्रजनन काल के चलते हिंसक हो रहे जंगली पशुओं के कारण जंगल और उससे सटे आसपास के क्षेत्रों में वन्य जीव और मानव संघर्ष की बढ़ रही घटनाओं पर रोक लगाने के लिये वन विभाग ने जारी की एडवाइजरी। आम जनता को बिना आवश्यक कार्य के जंगल जाने पर लगाई रोक। वही जंगल से सटे आबादी क्षेत्रों में मुनादी कराकर बिना आवश्यक कार्य के जंगल ना जाने और आवश्यकता पड़ने पर समूह में जंगल जाने की दी सलाह। नोट- खबर एफटीपी में -van vivah ne jaari ki advijery- नाम के फोल्डर में है।


Body:वीओ- उत्तराखंड का 67 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित है।जिस कारण उत्तराखंड वन्यजीवों के लिए काफी उपयुक्त है। जिस कारण उत्तराखंड के जंगलों में भारी संख्या में वन्य जीव पाए जाते हैं। विगत एक माह से तराई के क्षेत्रों में मानव व वन्य जीव के संघर्ष के मामले काफी बढ़ गए हैं। जिस पर रोक लगाने के लिए वन विभाग ने एक योजना तैयार कर एडवाइजरी जारी की है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्षा ऋतु में वन में रहने वाले जंगली जानवरों जैसे टाइगर, लेपर्ड और भालू आदि का प्रजनन काल का समय होता है। प्रजनन काल में यह जंगली जानवर एकांत तो चाहते हैं और उत्तेजित होने के कारण काफी हिंसक हो जाते हैं। जिस कारण इन दिनों मैदानी क्षेत्रों में मानव व वन्यजीव संघर्ष के मामले बढ़ गये हैं। प्रजनन काल के दौरान मानव व वन्यजीव संघर्ष के मामलों को कम करने के लिए वन विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है। साथ ही वन विभाग ने एक एडवाइजरी भी जारी की है। वन विभाग ने आम जनता को बिना आवश्यक कार्य के जंगल पर जाने पर रोक लगा दी है। साथ ही जंगल से सटे आबादी क्षेत्रों में मुनादी करा दी है कि इस समय जंगली जानवर काफी हिंसक होते हैं। इसलिए बिना आवश्यक कार्य के और अकेले कोई भी जंगल में प्रवेश ना करें। यदि बहुत ही आवश्यक कार्य हो तो समूह में जंगल में जाएं। महिलाएं व छोटे बच्चे शौच के लिए अकेले जंगल में ना जाए। बाइट- महेश सिंह बिष्ट रेंजर शारदा वन रेंज


Conclusion:
Last Updated : Aug 1, 2019, 7:42 PM IST
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