खटीमा: प्रजनन काल के चलते बढ़ रहे मानव और वन्य जीव संघर्ष पर रोक लगाने के लिए वन विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. वहीं, आम जनता को बिना आवश्यक कार्य के जंगल जाने पर रोक लगा दी है. साथ ही जंगल से सटे आबादी क्षेत्रों में मुनादी कराकर बिना आवश्यक कार्य के जंगल में न जाने की सलाह दी है.
प्रदेश का 67 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित है, जिस कारण वन्यजीवों के लिए ये राज्य काफी उपयुक्त है. विगत एक माह से तराई क्षेत्रों में मानव और वन्य जीव के संघर्ष के मामले काफी बढ़ गए हैं. जिस पर रोक लगाने के लिए वन विभाग ने एक योजना तैयार कर एडवाइजरी जारी की है.
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बारिश के मौसम में वन्य जीव, जंगली जानवर जैसे-टाइगर, लेपर्ड और भालू आदि का प्रजनन काल का समय होता है. प्रजनन काल में ये जंगली जानवर एकांत चाहते हैं और उत्तेजित होने के कारण काफी हिंसक हो जाते हैं, जिस कारण इन दिनों मैदानी क्षेत्रों में मानव और वन्यजीव संघर्ष के मामले बढ़ जाते हैं.
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प्रजनन काल के दौरान मानव और वन्यजीव संघर्ष के मामलों को कम करने के लिए वन विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है. साथ ही वन विभाग ने एक एडवाइजरी भी जारी कर वन विभाग ने आम जनता को बिना आवश्यक कार्य के जंगल जाने पर रोक लगा दी है. साथ ही जंगल से सटे आबादी क्षेत्रों में मुनादी करा दी गई है क्योंकि इस समय जंगली जानवर काफी हिंसक होते हैं.