सिंध: पाकिस्तान में हालात बेहद खराब हैं. यहां कुछ दिनों से ऑनर किलिंग के मामले सामने आए हैं. यहां सिंध के करीब चार जिले में तीन दिनों के भीतर पांच महिलाओं सहित आठ लोगों की हत्या का खबर मिली है. जियो न्यूज के हवाले से इस खबर का पता चला है.
जानकारी के मुताबिक ऑनर किलिंग के एक आरोपी भोरल चाचर ने अपनी बहू रजिया और उसके प्रेमी को गोलियों से भून दिया. उसके बाद उसने पुलिस के सामने अपराध कबूल करते हुए आत्मसमर्पण कर दिया. उसने बयान दिया कि उसने अपनी बहू को उसके प्रेमी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा, जिससे वह आगबबूला हो गया और दोनों को मौत के घाट उतार दिया. एआरवाई न्यूज ने इस खबर की पुष्टि की है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई करने में जुट गई है.
वहीं, दूसरी घटना लरकाना के बुंगुल डेरो गांव में हुई. जहां एक शख्स ने पहले रियाज ब्रोही नाम के शख्स को गोली मार दी और फिर उसके बाद उसकी पत्नी को भी मौत की नींद सुला दी. मौका पाकर आरोपी घटनास्थल से भाग गया. पुलिस ने बताया कि मृतक रियाज कुछ दिन पहले ही दुबई से वापस लौटा था. वहीं, आरोपी की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है. इन हत्याओं के पीछे की वजह घर से भागकर शादी करना, विवाहेत्तर संबंध हैं.
इसके अलावा, जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कंबर-शाहदादकोट जिले में कुब्बो सईदखान के पास ताज मुहम्मद चंदियो गांव में सुल्तान चंदियो नाम के एक व्यक्ति ने अपनी भाभी रुखसाना चंदियो और उसके कथित प्रेमी बखत जनवारी को गोली मारकर भाग गया. इसी तरह शिकारपुर के हुमायूं थाने के पास पीर जलील में आरोपी जमीर मारफानी ने अपनी पत्नी खानजादी की गोली मारकर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया. इसके अलावा देह-13, संजोरो में एक संदिग्ध मुहम्मद उमर बुग्गती ने अपनी पत्नी अजीमा की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर भाग निकला.
पुलिस ने इस मामले में एक कथित शूटर और उसके दो भाइयों के एफआईआर दर्ज कर दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है. हर साल पाकिस्तान में रिश्तेदार सैकड़ों महिलाओं की हत्याएं कर रहे हैं. हालांकि, जियो न्यूज़ के अनुसार, सामाजिक रूप से रूढ़िवादी देश के शहरी इलाकों में भी ऐसी हिंसक घटनाएं अब आम हो गई हैं.
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) के अनुसार, 2024 में ऑनर किलिंग एक गंभीर चिंता का विषय बनी, जिसमें सिंध और पंजाब में सबसे ज़्यादा संख्या दर्ज की गई है. जनवरी से नवंबर के बीच, देश भर में 346 लोग हिंसा के ऐसे जघन्य कृत्यों के शिकार हुए.