खटीमाः किच्छा क्षेत्र में निजी अस्पताल, पैथोलॉजी लैब और झोलाछाप डॉक्टरों की ओर से बायो मेडिकल वेस्टे को कूड़े के ढेर में फेंकने का मामला सामने आया है. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग नींद में सोया है. जबकि, यह बायो मेडिकल वेस्टे जानवरों और लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. वहीं, मामले पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.
पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रहा है. सरकार इस वायरस से बचने के लिए तमाम तरह के उपाय कर रही है. इतना ही नहीं लोगों को जागरूक करने के लिए पूरा सरकारी तंत्र जुटा हुआ है. लेकिन किच्छा नगर पालिका क्षेत्र में निजी अस्पताल, झोलाछाप डॉक्टरों और पैथोलॉजी लैबों की ओर से इंजेक्शन, दवाइयों की शीशियां, मास्क, ग्लव्स और कई बायो मेडिकल वेस्टे को जगह-जगह कूडे़ दान में फेंका जा रहा है. जो सीधे आम जनता के साथ ही जंगली जानवरों के लिए काफी खतरनाक है.
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लेकिन इस सब के बाद भी स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना हुआ है. साथ ही ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जो खुले में बायो मेडिकल वेस्टे को फेंक रहे हैं.वहीं, मामले पर किच्छा सीएचसी अधीक्षक डॉ. एससी त्रिपाठी ने भी माना है कि निजी अस्पताल और पैथोलॉजी जगह-जगह बॉयो मेडिकल वेस्ट फेंक रहे हैं. मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है. जल्द ही विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, जो बायो वेस्ट को कूड़े में फेंक रहे हैं.