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काशीपुर: भोजन माताओं ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

काशीपुर में पंद्रह हजार रुपये न्यूनतम वेतन देने और क्वारंटाइन सेंटरों में तैनात भोजन माताओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने समेत 5 सूत्रीय मांगों को लेकर भोजन माताओं ने प्रदर्शन किया.

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भोजन माताओं का प्रदर्शन
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Published : Jul 1, 2020, 8:57 PM IST

काशीपुर: पंद्रह हजार रुपये न्यूनतम वेतन देने और क्वारंटाइन सेंटरों में तैनात भोजन माताओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने समेत विभिन्न मांगों को लेकर भोजन माताओं ने प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने शीघ्र मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी. इसके बाद उन्होंने संयुक्त मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा.

काशीपुर में उपजिलाधिकारी कार्यालय परिसर में प्रगतिशील भोजन माता संगठन की ब्लॉक अध्यक्ष कमलेश की अगुवाई में भोजन माताओं ने नारेबाजी की. इस दौरान भोजन माताओं ने कहा लॉकडाउन के चलते उनके जीवन में गंभीर संकट आ गया है. उन्हें मात्र दो हजार रुपये मानदेय मिल रहा है. उन्होंने कहा भोजन माताओं को जून माह का मानदेय नहीं दिया गया है. बावजूद लॉकडाउन में उनसे काम लिया जा रहा है. क्वारंटाइन सेंटरों में भी भोजन माताओं को काम में लगाया गया है. उन्हें पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. न ही उन्हें कोई अनुदान के रूप में कोई मदद दी जा रही है.

पढ़ें: मॉनसून के 7 दिन बाद जागा नगर निगम, फुटपाथ विक्रेताओं पर की कार्रवाई

इसके चलते उन्हें परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है. आशा वर्कर और ऑगनबाड़ी वर्करों को सरकार एक हजार रुपये की मदद दे रही है, लेकिन भोजन माताओं का कहीं भी नाम नहीं है. उन्होंने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरव कुमार को सौंपा गया. जिसमें 15 हजार रुपये न्यूनतम वेतन देने, क्वारंटाइन सेंटर में तैनात भोजन माताओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने, जून माह का मानदेय देने, महंगाई भत्ता और एक हजार रुपये सहायता राशि दिए जाने की मांग की.

काशीपुर: पंद्रह हजार रुपये न्यूनतम वेतन देने और क्वारंटाइन सेंटरों में तैनात भोजन माताओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने समेत विभिन्न मांगों को लेकर भोजन माताओं ने प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने शीघ्र मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी. इसके बाद उन्होंने संयुक्त मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा.

काशीपुर में उपजिलाधिकारी कार्यालय परिसर में प्रगतिशील भोजन माता संगठन की ब्लॉक अध्यक्ष कमलेश की अगुवाई में भोजन माताओं ने नारेबाजी की. इस दौरान भोजन माताओं ने कहा लॉकडाउन के चलते उनके जीवन में गंभीर संकट आ गया है. उन्हें मात्र दो हजार रुपये मानदेय मिल रहा है. उन्होंने कहा भोजन माताओं को जून माह का मानदेय नहीं दिया गया है. बावजूद लॉकडाउन में उनसे काम लिया जा रहा है. क्वारंटाइन सेंटरों में भी भोजन माताओं को काम में लगाया गया है. उन्हें पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. न ही उन्हें कोई अनुदान के रूप में कोई मदद दी जा रही है.

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इसके चलते उन्हें परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है. आशा वर्कर और ऑगनबाड़ी वर्करों को सरकार एक हजार रुपये की मदद दे रही है, लेकिन भोजन माताओं का कहीं भी नाम नहीं है. उन्होंने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरव कुमार को सौंपा गया. जिसमें 15 हजार रुपये न्यूनतम वेतन देने, क्वारंटाइन सेंटर में तैनात भोजन माताओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने, जून माह का मानदेय देने, महंगाई भत्ता और एक हजार रुपये सहायता राशि दिए जाने की मांग की.

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