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रुद्रप्रयाग के बणतोली में लकड़ी का अस्थाई पुल तैयार, मदमहेश्वर यात्रा की जगी उम्मीद

Bantoli Bridge Construction पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात मदमहेश्वर धाम के यात्रा पड़ाव बणतोली में अस्थाई पुल का निर्माण कर लिया गया है. यहां गौंडार गांव के ग्रामीणों और लोनिवि ने लकड़ी का अस्थाई पुल लगा दिया है. जिससे आवाजाही शुरू हो गई है. बीते दिनों यहां पर लोहे का पुल बह गया था. जिसके चलके कई लोग फंस गए थे. जिनका रेस्सियों और हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया.

Bantoli Bridge Collapsed in Rudraprayag
बणतोली में लकड़ी का अस्थाई पुल तैयार
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Published : Aug 20, 2023, 6:58 PM IST

रुद्रप्रयागः मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बणतोली में लोक निर्माण विभाग और गौंडार के ग्रामीणों ने लकड़ी का अस्थाई पुल बनाकर तैयार कर लिया है. अस्थाई पुल के बनने से कई दिनों से वीरान पडे़ मदमहेश्वर धाम समेत यात्रा पड़ावों पर एक बार फिर से रौनक लौटने की उम्मीद जग गई है. अब श्रद्धालु मदमहेश्वर धाम के दर्शन आसानी से कर सकते हैं.

बता दें कि बीते 14 अगस्त को मदमहेश्वर या मद्महेश्वर धाम के आधार शिविर बणतोली में लोहे का पुल अतिवृष्टि के कारण नदी में समा गया था. शासन-प्रशासन की मदद से 16 अगस्त को मदमहेश्वर धाम समेत यात्रा पड़ावों पर फंसे 293 लोगों का रेक्स्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.

Bantoli Bridge Collapsed in Rudraprayag
बणतोली में लकड़ी का अस्थाई पुल तैयार

बणतोली में पुल बहने के बाद मदमहेश्वर धाम समेत यात्रा पड़ाव वीरान पडे़ हुए हैं. लोक निर्माण विभाग और गौंडार के ग्रामीणों ने नदी पर अस्थाई पुल का निर्माण कर लिया है. यहां एक लकड़ी का अस्थाई पुल लगाया गया है. जिस पर आवाजाही सुचारू हो गई है. पुल तैयार होने के बाद एक बार फिर से मदमहेश्वर धाम की यात्रा विधिवत शुरू होने की संभावना है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के मदमहेश्वर घाटी में फंसे 293 लोगों का सफल रेस्क्यू, हेलीकॉप्टर की ली गई मदद

गौंडार के ग्राम प्रधान बीर सिंह पंवार ने बताया कि अस्थाई पुल के निर्माण में लोक निर्माण विभाग और गौंडार के समस्त ग्रामीणों का अहम योगदान रहा है. अस्थाई पुल के निर्माण से मदमहेश्वर यात्रा में आने वाले श्रद्धालु को राहत मिली है. उन्होंने बताया कि अस्थाई पुल से गौंडार के ग्रामीणों को भी बणतोली, खटारा, नानौ, मैखम्बा, कूनचट्टी और मदमहेश्वर धाम आवाजाही करने की सुविधा मिल गई है.

पूर्व प्रधान भगत सिंह पंवार ने बताया कि पुल न होने से मदमहेश्वर धाम समेत यात्रा पड़ावों पर सन्नाटा पसर गया था. मदमहेश्वर घाटी का तीर्थाटन और पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया था, लेकिन अब अस्थाई पुल बनने से मदमहेश्वर धाम समेत यात्रा पड़ावों के तीर्थ यात्रियों की आवाजाही से गुलजार होने की उम्मीद जगी है. उन्होंने सरकार, जिला और तहसील प्रशासन से जल्द मदमहेश्वर यात्रा को सुचारू करने की मांग की है.

ये भी पढ़ेंः गोद में बच्चे और हाथ में गेंती, मदमहेश्वर की महिलाओं ने हेलीपैड बनाकर बचाई 293 पर्यटकों की जान

वहीं, रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि बीते 14 अगस्त को मदमहेश्वर जाने वाले रास्ते बणतोली नामक स्थान पर मोरकंडा नदी पर बना लोहे का पुल बह गया था. जिलाधिकारी के निर्देशन में लोनिवि ने वैकल्पिक पुल का निर्माण कर लिया है, जिसमें स्थानीय ग्रामीणों का सहयोग मिला है. अस्थाई पुल निर्माण से क्षेत्रीय ग्रामीणों और मदमहेश्वर जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

रुद्रप्रयागः मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बणतोली में लोक निर्माण विभाग और गौंडार के ग्रामीणों ने लकड़ी का अस्थाई पुल बनाकर तैयार कर लिया है. अस्थाई पुल के बनने से कई दिनों से वीरान पडे़ मदमहेश्वर धाम समेत यात्रा पड़ावों पर एक बार फिर से रौनक लौटने की उम्मीद जग गई है. अब श्रद्धालु मदमहेश्वर धाम के दर्शन आसानी से कर सकते हैं.

बता दें कि बीते 14 अगस्त को मदमहेश्वर या मद्महेश्वर धाम के आधार शिविर बणतोली में लोहे का पुल अतिवृष्टि के कारण नदी में समा गया था. शासन-प्रशासन की मदद से 16 अगस्त को मदमहेश्वर धाम समेत यात्रा पड़ावों पर फंसे 293 लोगों का रेक्स्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.

Bantoli Bridge Collapsed in Rudraprayag
बणतोली में लकड़ी का अस्थाई पुल तैयार

बणतोली में पुल बहने के बाद मदमहेश्वर धाम समेत यात्रा पड़ाव वीरान पडे़ हुए हैं. लोक निर्माण विभाग और गौंडार के ग्रामीणों ने नदी पर अस्थाई पुल का निर्माण कर लिया है. यहां एक लकड़ी का अस्थाई पुल लगाया गया है. जिस पर आवाजाही सुचारू हो गई है. पुल तैयार होने के बाद एक बार फिर से मदमहेश्वर धाम की यात्रा विधिवत शुरू होने की संभावना है.
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गौंडार के ग्राम प्रधान बीर सिंह पंवार ने बताया कि अस्थाई पुल के निर्माण में लोक निर्माण विभाग और गौंडार के समस्त ग्रामीणों का अहम योगदान रहा है. अस्थाई पुल के निर्माण से मदमहेश्वर यात्रा में आने वाले श्रद्धालु को राहत मिली है. उन्होंने बताया कि अस्थाई पुल से गौंडार के ग्रामीणों को भी बणतोली, खटारा, नानौ, मैखम्बा, कूनचट्टी और मदमहेश्वर धाम आवाजाही करने की सुविधा मिल गई है.

पूर्व प्रधान भगत सिंह पंवार ने बताया कि पुल न होने से मदमहेश्वर धाम समेत यात्रा पड़ावों पर सन्नाटा पसर गया था. मदमहेश्वर घाटी का तीर्थाटन और पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया था, लेकिन अब अस्थाई पुल बनने से मदमहेश्वर धाम समेत यात्रा पड़ावों के तीर्थ यात्रियों की आवाजाही से गुलजार होने की उम्मीद जगी है. उन्होंने सरकार, जिला और तहसील प्रशासन से जल्द मदमहेश्वर यात्रा को सुचारू करने की मांग की है.

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वहीं, रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि बीते 14 अगस्त को मदमहेश्वर जाने वाले रास्ते बणतोली नामक स्थान पर मोरकंडा नदी पर बना लोहे का पुल बह गया था. जिलाधिकारी के निर्देशन में लोनिवि ने वैकल्पिक पुल का निर्माण कर लिया है, जिसमें स्थानीय ग्रामीणों का सहयोग मिला है. अस्थाई पुल निर्माण से क्षेत्रीय ग्रामीणों और मदमहेश्वर जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

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