रुद्रप्रयाग: पीसीएस गौरव चटवाल के इस्तीफे के बाद पीसीएस मनीष सिंह को केदारनाथ का प्रभारी बनाया गया है. गढ़वाल आयुक्त डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम के इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिए हैं. गौरव चटवाल 2005 बैच के तहसीलदार से भर्ती थे.
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बता दें कि केदारनाथ धाम में यात्रा ड्यूटी में असमर्थता जताते हुए उपजिलाधिकारी/यात्रा मजिस्ट्रेट गौरव चटवाल ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. उन्होंने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी के नाम लिखा पत्र रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को भेजा था, जिसे जिलाधिकारी ने शासन को भेज दिया है.
एसडीएम चटवाल को बीती 13 मई को केदारनाथ में तैनाती दी गई थी. इससे पूर्व वह जनपद नैनीताल की कोश्या कुटौली तहसील में तैनात थे. 18 व 19 मई को धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रमण के चलते जिलाधिकारी ने उन्हें वीआईपी ड्यूटी का जिम्मा सौंपा था. 17 से 30 मई तक चटवाल ने केदारनाथ में बतौर यात्रा मजिस्ट्रेट के रूप में अपनी ड्यूटी निभाई लेकिन बीती 31 मई को एकाएक उन्होंने केदारनाथ में ड्यूटी करने से हाथ खड़े कर दिये थे. यही नहीं, त्यागपत्र भेजने के बाद वह डीएम रुद्रप्रयाग से बिना मिले ही अपने घर के लिए रवाना हो गए. डीएम रुद्रप्रयाग ने गौरव चटवाल का इस्तीफा शासन को भेज दिया है. अपर मुख्य सचिव कार्मिक को इस्तीफे पत्र पर फैसला लेना है.
दरअसल, पहले 3 मई को पीसीएस शैलेंद्र नेगी का ही तबादला केदारनाथ हुआ था लेकिन बाद में उनका तबादला रोक कर चटवाल को केदारनाथ यात्रा का प्रभार दिया गया था. शैलेंद्र को तबादला रुकने के बाद संयुक्त सचिव एमडीडीए बना दिया गया था. लेकिन गौरव चटवाल ने यात्रा ड्यूटी में असमर्थता जताते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया.
गौर हो कि केदारनाथ में ड्यूटी करने से अधिकारी कन्नी काटते रहे हैं. हालांकि, प्रशासन की ओर से यहां की भौगोलिक परिस्थिति और मौसम को देखते हुए रोटेशन में ड्यूटी लगाई जाती है. साथ ही 15 दिन की तैनाती के बाद कर्मचारी व अधिकारियों को बदल दिया जाता है. इसके अलावा 50 वर्ष से अधिक उम्र के अधिकारियों की भी केदारनाथ में ड्यूटी नहीं लगाई जाती. स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर भी कार्मिक को ड्यूटी से अलग रखा जाता है.