ETV Bharat / state

बाबा केदार की उत्सव डोली केदारनाथ धाम के लिए रवाना

रविवार को सुबह शुभ मुहुर्त में बाबा केदार की शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह से सभा मंडप में लाई गई, जहां डोली में बाबा केदार की पांच मुख वाली चांदी की मूर्ति को विराजमान किया गया.

बाबा केदार की डोली रवाना समाचार, doli of baba kedar updates
अपने शीतकालीन गद्दीस्थल से निकली बाबा केदार की डोली.
author img

By

Published : Apr 26, 2020, 10:10 AM IST

Updated : Apr 26, 2020, 11:31 AM IST

रुद्रप्रयाग: छ: माह अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में प्रवास करने के बाद बाबा केदार की उत्सव डोली केदारनाथ धाम के लिये रवाना हो गई है. रविवार रात्रि को बाबा की डोली गौरीकुंड और सोमवार को पैदल मार्ग के भीमबली में रूकेगी. 28 अप्रैल सायं डोली केदारनाथ पहुंचेगी और 29 अप्रैल प्रातः छह बजकर दस मिनट पर बाबा केदार के कपाट खोले जाएंगे.

अपने शीतकालीन गद्दीस्थल से निकली बाबा केदार की डोली.
रविवार को सुबह शुभ मुहुर्त में बाबा केदार की शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह से सभा मंडप में लाई गई, जहां डोली में बाबा केदार की पांच मुख वाली चांदी की मूर्ति को विराजमान किया गया. इसके बाद बाबा केदार की डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर की परिक्रमा की और केदारनाथ के लिये रवाना हुई. इस बार बाबा केदार की डोली गौरीकुंड तक वाहन से गई. यहां से बाबा की डोली पैदल ही केदारनाथ जाएगी. बाबा केदारनाथ की डोली ऊखीमठ से ही केदारनाथ पैदल जाती थी, लेकिन लाॅकडाउन के कारण इस बार बाबा की डोली वाहन से गौरीकुंड तक पहुंचाई गई.
kedarnathdham
बाबा केदार की उत्सव डोली.

यह भी पढ़ें-देवभूमि के इस धाम में बहन के साथ विराजते हैं यमराज, ये है पौराणिक कथा

बता दें कि बाबा की डोली के साथ कोई भी वाद्य यंत्र नहीं है. पिछले वर्ष तक स्थानीय वाद्य यंत्रों और आर्मी बैंड के साथ बाबा की डोली केदारनाथ जाती थी, लेकिन लाॅकडाउन के कारण बिना वाद्य यंत्र के सादगी से डोली रवाना हो रही है. बाबा की डोली के साथ केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी के अलावा बदरी-केदार मंदिर समिति के 15 अन्य सदस्य भी शामिल हैं. वहीं डोली को रवाना करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है.

रुद्रप्रयाग: छ: माह अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में प्रवास करने के बाद बाबा केदार की उत्सव डोली केदारनाथ धाम के लिये रवाना हो गई है. रविवार रात्रि को बाबा की डोली गौरीकुंड और सोमवार को पैदल मार्ग के भीमबली में रूकेगी. 28 अप्रैल सायं डोली केदारनाथ पहुंचेगी और 29 अप्रैल प्रातः छह बजकर दस मिनट पर बाबा केदार के कपाट खोले जाएंगे.

अपने शीतकालीन गद्दीस्थल से निकली बाबा केदार की डोली.
रविवार को सुबह शुभ मुहुर्त में बाबा केदार की शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह से सभा मंडप में लाई गई, जहां डोली में बाबा केदार की पांच मुख वाली चांदी की मूर्ति को विराजमान किया गया. इसके बाद बाबा केदार की डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर की परिक्रमा की और केदारनाथ के लिये रवाना हुई. इस बार बाबा केदार की डोली गौरीकुंड तक वाहन से गई. यहां से बाबा की डोली पैदल ही केदारनाथ जाएगी. बाबा केदारनाथ की डोली ऊखीमठ से ही केदारनाथ पैदल जाती थी, लेकिन लाॅकडाउन के कारण इस बार बाबा की डोली वाहन से गौरीकुंड तक पहुंचाई गई.
kedarnathdham
बाबा केदार की उत्सव डोली.

यह भी पढ़ें-देवभूमि के इस धाम में बहन के साथ विराजते हैं यमराज, ये है पौराणिक कथा

बता दें कि बाबा की डोली के साथ कोई भी वाद्य यंत्र नहीं है. पिछले वर्ष तक स्थानीय वाद्य यंत्रों और आर्मी बैंड के साथ बाबा की डोली केदारनाथ जाती थी, लेकिन लाॅकडाउन के कारण बिना वाद्य यंत्र के सादगी से डोली रवाना हो रही है. बाबा की डोली के साथ केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी के अलावा बदरी-केदार मंदिर समिति के 15 अन्य सदस्य भी शामिल हैं. वहीं डोली को रवाना करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है.

Last Updated : Apr 26, 2020, 11:31 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.