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बदरीनाथ हाईवे पर बिना बारिश ही दरक रहें पहाड़, 40 से अधिक मोटर मार्ग बंद - रुद्रप्रयाग लोगों को पैदल आवाजाही करना पड़ रहा

रुद्रप्रयाग में बिना बारिश के पहाड़ दरक रहें हैं. पहाड़ दरकने से आवाजाही करनें में खतरा बना हुआ है.

the mountains are cracking
पहाड़ दरक रहे
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Published : Jun 27, 2021, 12:19 PM IST

रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर खांकरा और नरकोटा के बीच पहाड़ बिना बारिश के दरक रहा है. पहाड़ दरकने से हाईवे पर सफर करने वाले वाहनों को खतरा बना हुआ है. हाईवे पर दोनों छोरों से किसी भी सुरक्षा कर्मी की तैनाती नहीं होने से जाम लग रहा है, जिससे आवाजाही करने में अधिक खतरा बढ़ गया है. यहां पर भी बारिश होने पर पहाड़ से मलबा और बोल्डर आ रहे हैं, जिस कारण घंटों जाम की स्थिति पैदा हो रही है.

बद्रीनाथ हाईवे पर ऑल वेदर के नाम पर काटी गई पहाड़ियां इन दिनों जानलेवा बन गयी है. बद्रीनाथ हाईवे पर नरकोटा और खांकरा के बीच नया डेंजर जोन बन गया है. डेंजर जोन बिना बारिश के ही मुसीबत पैदा कर रहा है. हाईवे पर एक किमी के दायरे में किसी भी समय पहाड़ी टूट रही है, जिस कारण हाईवे पर घंटों तक जाम लग रहा है. स्थिति यह है कि हाईवे पर कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है.

पढे़ं-केदारनाथ यात्रा को लेकर CO ने यात्रा पड़ावों का लिया जायजा, तीर्थ पुरोहितों ने दी ये चेतावनी

नरकोटा-खांकरा में हाईवे बन्द होने पर कोई भी वैकल्पिक मोटरमार्ग नहीं है. हाईवे बंद होने पर कई बार लोगों को दो दिन तक रुकना पड़ रहा है. पिछले दो-तीन वर्षों तक शांत रहने वाला सिरोबगड़ डेंजर जोन इस मॉनसून में एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. सिरोबगड़ की पहाड़ी बिना बरसात के ही टूट रही है.

रुद्रप्रयाग जिले में 40 से अधिक मोटर मार्ग अवरूद्ध

केदारनाथ आपदा के दौरान संजीवनी बना खांखरा-खेड़ाखाल-खिर्सू मोटरमार्ग विभागीय लापरवाही के कारण बंद पड़ा है. बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश के कारण मोटरमार्ग के खेड़ाखाल में भारी बोल्डर और मलबा आ गया था, जिसे 16 दिनों बाद भी साफ नहीं किया गया है. ऐसे में ग्रामीण जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा जिले में 40 से अधिक संपर्क मोटर मार्ग अवरूद्ध चल रहे हैं, जिस कारण ग्रामीणों को मीलों पैदल सफर करना पड़ रहा है.

पढ़ें-देवभूमि का नजदीकी से करना चाहते हैं दीदार तो चले आइये यहां, स्थानीय लोग हुए रूबरू

कालीमठ घाटी के सबसे दूरस्थ ग्राम पंचायत चैमासी के ग्राम प्रधान मुलायम सिंह तिंदोरी ने बताया कि क्षेत्र की 10 ग्राम पंचायतों के 13 गांवों की लाइफ लाइन गुप्तकाशी-कालीमठ-कोटमा-चैमासी मार्ग बदहाल होकर रह गया है. जगह-जगह बरसाती पानी बहने से पैदल आवाजाही भी मुश्किल से हो रही है.

पढे़ं-केदारनाथ हाईवे चौड़ीकरण में अनियमितता बरतने पर स्थानीय लोगों का धरना

वहीं, जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश के कारण संपर्क मार्गों की हालत नाजुक बनी हुई है. बरसात के समय इन मोटरमार्ग पर भूस्खलन होता है, जिससे आवाजाही में काफी दिक्कतें होती है. मोटरमार्गों को सुचारू करने के लिए विभागीय अभियंताओं को निर्देशित किया गया है. इसके साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में दो माह का राशन भी भिजवा दिया है, जिससे ग्रामीणों कोई परेशानी न हो सके. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में डीडीआरफ की टीम भी तैनात की गई है, जो मुसीबत के समय ग्रामीणों की मदद के लिए तत्पर रहेगी.

रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर खांकरा और नरकोटा के बीच पहाड़ बिना बारिश के दरक रहा है. पहाड़ दरकने से हाईवे पर सफर करने वाले वाहनों को खतरा बना हुआ है. हाईवे पर दोनों छोरों से किसी भी सुरक्षा कर्मी की तैनाती नहीं होने से जाम लग रहा है, जिससे आवाजाही करने में अधिक खतरा बढ़ गया है. यहां पर भी बारिश होने पर पहाड़ से मलबा और बोल्डर आ रहे हैं, जिस कारण घंटों जाम की स्थिति पैदा हो रही है.

बद्रीनाथ हाईवे पर ऑल वेदर के नाम पर काटी गई पहाड़ियां इन दिनों जानलेवा बन गयी है. बद्रीनाथ हाईवे पर नरकोटा और खांकरा के बीच नया डेंजर जोन बन गया है. डेंजर जोन बिना बारिश के ही मुसीबत पैदा कर रहा है. हाईवे पर एक किमी के दायरे में किसी भी समय पहाड़ी टूट रही है, जिस कारण हाईवे पर घंटों तक जाम लग रहा है. स्थिति यह है कि हाईवे पर कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है.

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नरकोटा-खांकरा में हाईवे बन्द होने पर कोई भी वैकल्पिक मोटरमार्ग नहीं है. हाईवे बंद होने पर कई बार लोगों को दो दिन तक रुकना पड़ रहा है. पिछले दो-तीन वर्षों तक शांत रहने वाला सिरोबगड़ डेंजर जोन इस मॉनसून में एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. सिरोबगड़ की पहाड़ी बिना बरसात के ही टूट रही है.

रुद्रप्रयाग जिले में 40 से अधिक मोटर मार्ग अवरूद्ध

केदारनाथ आपदा के दौरान संजीवनी बना खांखरा-खेड़ाखाल-खिर्सू मोटरमार्ग विभागीय लापरवाही के कारण बंद पड़ा है. बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश के कारण मोटरमार्ग के खेड़ाखाल में भारी बोल्डर और मलबा आ गया था, जिसे 16 दिनों बाद भी साफ नहीं किया गया है. ऐसे में ग्रामीण जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा जिले में 40 से अधिक संपर्क मोटर मार्ग अवरूद्ध चल रहे हैं, जिस कारण ग्रामीणों को मीलों पैदल सफर करना पड़ रहा है.

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कालीमठ घाटी के सबसे दूरस्थ ग्राम पंचायत चैमासी के ग्राम प्रधान मुलायम सिंह तिंदोरी ने बताया कि क्षेत्र की 10 ग्राम पंचायतों के 13 गांवों की लाइफ लाइन गुप्तकाशी-कालीमठ-कोटमा-चैमासी मार्ग बदहाल होकर रह गया है. जगह-जगह बरसाती पानी बहने से पैदल आवाजाही भी मुश्किल से हो रही है.

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वहीं, जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश के कारण संपर्क मार्गों की हालत नाजुक बनी हुई है. बरसात के समय इन मोटरमार्ग पर भूस्खलन होता है, जिससे आवाजाही में काफी दिक्कतें होती है. मोटरमार्गों को सुचारू करने के लिए विभागीय अभियंताओं को निर्देशित किया गया है. इसके साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में दो माह का राशन भी भिजवा दिया है, जिससे ग्रामीणों कोई परेशानी न हो सके. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में डीडीआरफ की टीम भी तैनात की गई है, जो मुसीबत के समय ग्रामीणों की मदद के लिए तत्पर रहेगी.

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