रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा का आगाज जल्द होने वाला है, लेकिन स्थानीय विधायक ने यात्रा को लेकर बाहरी व्यापारियों पर निशाना साधा है. केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत ने केदारनाथ यात्रा के दौरान संचालित होने वाले घोड़ा-खच्चर, प्रीपेड काउंटर और केदारनाथ धाम सहित पैदल मार्ग पर सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभालने वाले सुलभ इंटरनेशनल पर सवाल खड़े किये हैं. विधायक ने कहा कि यहां के लोगों का रोजगार छीनकर बाहरी प्रदेश के लोगों को यात्रा में रोजगार देने का कार्य किया जा रहा है. ये सरासर गलत है और इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. यहां के लोग प्रीपेड काउंटर का संचालन करने में सक्षम हैं. ऐसे में यहीं के लोगों को घोड़ा-खच्चर, प्रीपेड काउंटर संचालन का जिम्मा मिलना चाहिये.
केदारनाथ धाम के लिये गौरीकुंड से संचालित होने वाले घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी के लिये गौरीकुंड में प्रत्येक यात्रा सीजन में प्रीपेड काउंटर खोला जाता है. गौरीकुंड से सवारी ले जाने से पूर्व प्रत्येक घोड़े-खच्चर और डंडी-कंडी संचालक को किराये की पर्ची कटवानी होती है. जब घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी संचालक सवारी छोड़कर नीचे लौटता है तो पर्ची दिखाने पर उसे पैसे प्राप्त होते हैं. 2013 की आपदा के बाद से इस कार्य का संचालन जम्मू-कश्मीर की एक कंपनी कर रही है. जबकि केदारनाथ धाम सहित पैदल मार्ग पर सफाई का जिम्मा सुलभ इंटरनेशलन को सौंपा गया है.
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प्रत्येक वर्ष सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाले कार्यदायी संस्था और प्रीपेड काउंटर का संचालन करने वाली संस्था यहां से करोड़ों रुपए ले जाती हैं, लेकिन मार्ग पर जहां घोड़े-खच्चर मरते रहते हैं, वहीं सफाई व्यवस्था के भी बुरे हाल रहते हैं. इन दोनों कार्यदायी संस्थाओं पर केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत ने सवाल खड़े किये हैं. विधायक ने कहा कि स्थानीय लोगों के बजाय बाहरी प्रदेश के लोगों को प्रीपेड काउंटर के संचालन का जिम्मा नहीं देना चाहिये. स्थानीय लोग प्रीपेड काउंटर का संचालन न कर सकें, इसलिये प्रशासन ने उसमें कड़े नियम रखे हुये हैं. यहां के लोग प्रीपेड काउंटर को चला सकते हैं. हमारे यहां के लोगों में योग्यता है. प्रशासन को इस बारे में सोचना होगा.
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उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग पर सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाले सुलभ इंटरनेशनल यहां से प्रत्येक वर्ष 13 करोड़ रुपये ले जाता है, लेकिन सफाई कहीं भी नहीं दिखती है. सुलभ इंटरनेशनल के कर्मचारी सफाई करने के बजाय पैदल मार्ग पर नींबू पानी बेचते रहते हैं, क्योंकि सुलभ शौचालय उन्हें पैसे मुहैया नहीं करवाता है. सुलभ भी दूसरे प्रदेश की संस्था है, इस पर भी बैन लगना चाहिये. पूरी यात्रा में यहां के लोगों को रोजगार मिलना चाहिये. यहां पर भी बेरोजगारों की लंबी-चौड़ी फौज है. यहां के लोगों को दिल्ली-मुंबई जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि केदारनाथ में ही यहां के लोगों के लिये पर्याप्त रोजगार है.