रामनगर: उत्तराखंड में 38वें नेशनल गेम्स की धूम मची हुई है. खिलाड़ियों का जबरदस्त प्रदर्शन देखा जा रहा है. सभी खिलाड़ी जीत के लिए जोर लगा रहे हैं. इन खेलों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है 'मौली' जिसे राज्य पक्षी मोनाल की तर्ज पर बनाया गया है. मौली इन खेलों का प्रतीक चिन्ह है. शुभंकर 'मौली' के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है. इसी को ध्यान में रखकर नैनीताल जिले के रामनगर में रहने वाली भावना मेहरा ने ऊन से बहुत सी प्यारे मौली तैयार किए हैं. नीटिंग मशीन और हैंडवर्क से बने ये मौली लोगों का काफी पसंद भी आ रहे हैं.
ऊन से तैयार किए मौली: भावना मेहरा नीटिंग मशीन और हाथों से मौली बनाकर, रोजगार से जुड़ने के साथ ही इसको संरक्षित रखने का सुंदर संदेश दे रही हैं. वहीं भावना मेहरा की 38वें नेशनल गेम्स हल्द्वानी में लगी स्टॉल मुख्य आकर्षण का केंद्र भी बन गई है.
हल्द्वानी में गौलापार स्थित स्टेडियम में लगातार नेशनल गेम्स फुटबॉल, स्विमिंग, खो खो आदि प्रतियोगिताएं चल रही हैं. शुभंकर मौली को ऊन के धागे से बनाकर भावना मेहरा चर्चा में आ गई हैं. भावना मेहरा ने ऊन से मौली बनाकर हल्द्वानी स्टेडियम में स्टॉल लगाया है. यह स्टॉल उद्योग विभाग के तत्वाधान में महिलाओं को रोजगार से जोड़ने को लेकर लगाया गया है.
लोग मौली को देखकर उत्साहित: भावना मेहरा के ऊन से बने मौली चर्चा का केंद्र बने हुए हैं. लोग आकर मौली को देखकर काफी खुश नजर आ रहे हैं. वहीं भावना मेहरा 38वें नेशनल गेम्स के शुभंकर मौली को बनाकर पक्षियों को संरक्षित करने का संदेश भी दे रही हैं.
भावना मेहरा कहती हैं कि उन्होंने मशीन के माध्यम से इस मौली को तैयार किया है. वह कहती हैं कि यह मौली उन्होंने दो आकार में बनाये हैं. एक बड़ा मौली और एक छोटा मौली. दोनों को वह उद्योग विभाग के माध्यम से लगे स्टॉल से बेच रही हैं. बड़े मौली की कीमत 1500 रुपये और छोटे मौली की कीमत 1000 रुपये रखी गई है.
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र शर्मा कहते हैं कि वह भावना मेहरा की इस पहल का सम्मान करते हैं. वह कहते हैं कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे हैं. ऐसी महिलाओं की हम सबको आगे बढ़कर मदद करनी चाहिए.
सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र शर्मा ने कहा कि मोनाल 6,000 से 14,000 फीट की ऊंचाई पर पाया जाता है. इसको वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची एक में रखा गया है. नर मोनाल के पंख चमकीले नीले, हरे, बैंगनी और लाल रंग के होते हैं. मादा और युवा मोनाल भूरे रंग के होते हैं.
इसकी लंबाई करीब 70 सेंटीमीटर और वजन 1.8 से 2.3 किलोग्राम तक होता है. आईयूसीएन (International Union for Conservation of Nature) ने भी मोनाल को प्रोटेक्ट करने की अपील की है. रेडबुक में मोनाल का नाम दर्ज है.
ये भी पढ़ें- उत्तरकाशी में मोनाल दिखाई देने से खुशी से झूमे ट्रैकर्स, कहा-यहां बार-बार आने का करता है मन